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पाकिस्तान की माली हालत खस्ता
विष्णु शंकर।
सभी जानते हैं कि पाकिस्तान (Pakistan) की माली हालत खस्ता है, लेकिन यह इतनी खस्ता है कि पाकिस्तान के सरकारी महकमों में काम करने वाले मुलाज़िमों को तनख्वाह भी नहीं मिल रही है, यह जानकारी पाकिस्तान ही नहीं दुनिया भर में हैरत पैदा कर रही है. पाकिस्तान की सरकार को शर्मसार करने वाली एक खबर आई है. सर्बिया (Serbia) में पाकिस्तान की एम्बसी के एक अफ़सर ने एम्बसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करते हुए देश के प्रधानमंत्री इमरान खान से पूछा कि पाकिस्तान में इन्फ्लेशन सभी पुराने रेकॉर्ड तोड़ चुका है.
ऐसी सूरत में प्रधानमंत्री कब तक यह उम्मीद रखेंगे कि तीन महीने से तनख्वाह नहीं मिलने के बावजूद सरकारी अफ़सर चुपचाप काम करते रहेंगे. यह अफ़सर ट्वीट में आगे लिखता है कि एम्बसी के अफ़सरों के बच्चों को फीस न अदा कर पाने के चलते स्कूल से बाहर कर दिया गया है. ट्वीट करने वाला अफ़सर आख़िर में पूछता है कि क्या 'नया पाकिस्तान' यही है? इस ट्वीट की ऑफिशियल तसदीक़ नहीं हो पाई, लेकिन ट्वीट के हैंडल में पाकिस्तान की एम्बसी का लोगो साफ़ देखा जा सकता है. पाकिस्तान की सरकार की तरफ से भी इस ट्वीट पर कोई रिएक्शन नहीं आया.
ट्वीट को चुपचाप डिलीट कर दिया गया
इस ट्वीट में एक विडियो भी है जो इमरान खान के तकियाकलाम "आपने घबराना नहीं है " वाले जुमले को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की चुटकी ले रहा है. इस वीडियो पर सईद अलवी ऑफिशियल का वॉटरमार्क है और यह पाकिस्तान में रोज़मर्रा की ज़रुरत की चीज़ों और दवाईयों की बढ़ी कीमतों के लिए सरकार की आलोचना करता है. विडियो में आरोप लगाया गया है कि सरकार मुल्क को बर्बादी की तरफ ले जा रही है.
इस ट्वीट के पब्लिश होने के लगभग डेढ़ घंटे बाद चुपचाप इसे डिलीट कर दिया गया. अब यह ट्वीट ट्विटर पर मौजूद नहीं है. सच्चाई यह है कि पाकिस्तान के शहरी खाने पीने की चीज़ों और पेट्रोल, डीज़ल की बढ़ी हुई कीमतों से परेशान हैं. इन्हीं दोनों मदों में शहरियों का अधिकतर पैसा खर्च होता है. बढ़ी हुई क़ीमतों से दुनिया के और देश, मसलन भारत, अमेरिका, जर्मनी या मैक्सिको, सभी परेशान हैं. लेकिन पाकिस्तान में इसका असर और देशों के मुक़ाबले ज़्यादा दिख रहा है. बढ़ी हुई कीमतों से और ज़्यादा चोट इसलिए लग रही है क्योंकि पाकिस्तानी रुपये का मोल अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार गिर रहा है. इसके चलते पहले के मुकाबले अब उतने ही पैसों में कम सामान मिलता है.
पाकिस्तान में मुद्रास्फीति बढ़ गई है
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में पिछले साल के मुक़ाबले इस साल अक्टूबर में इन्फ्लेशन यानि मुद्रास्फीति 9.2 फ़ीसद बढ़ गयी. इसका सबसे बुरा असर मुल्क के ग़रीबों पर हुआ है, जो अपनी कमाई का लगभग आधा हिस्सा खाना खरीदने पर पर खर्च करते हैं. खाने पीने की साधारण चीज़ों के दाम पिछले साल के मुकाबले इस साल 17 फ़ीसद बढ़े हैं. पाकिस्तान का सबसे बड़ा इम्पोर्ट का सामान Palm Oil है, जिसके दाम आसमान छू रहे हैं. Palm Oil का इस्तेमाल खाने के और तेलों को बनाने में भी होता है.
पाकिस्तान में बेरोज़गारी भी पिछले वर्षों में तेज़ी से बढ़ी है. इससे सबसे ज़्यादा शहरों में रहने वाले ग्रेजुएट प्रभावित हुए हैं. यह भी गरीबों की तादाद बढ़ने की एक वजह है. पाकिस्तान की जनता बढ़ती कीमतों से इतनी परेशान हो चुकी है कि अब और इंतज़ार उसकी बर्दाश्त से बाहर हो रहा है. हालांकि अभी पिछले दिनों पाकिस्तान की सरकार ने ऐलान किया कि IMF और उसके दरम्यान 6 अरब डॉलर के लोन में से 1 अरब डॉलर की पहली क़िस्त पर रज़ामंदी बन गयी है. इससे मुफलिसी का माहौल थोड़ा कम होगा ऐसी उम्मीद है.
चीन और सऊदी अरब से कर्ज की गुहार लगा रहा है पाकिस्तान
इमरान खान की सरकार को सऊदी अरब से भी कुछ मदद मिली है. सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान को 4.2 अरब डॉलर की कैश मदद का वादा किया है. पाकिस्तान सरकार के वज़ीर चीन से भी क़र्ज़ की गुहार कर रहे हैं, जो मुल्क के पावर सेक्टर के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए ज़रूरी हैं. ये प्रोजेक्ट्स 62 अरब डॉलर के CPEC का हिस्सा हैं.
लेकिन मुल्क की खस्ता माली हालत को लेकर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां देश भर में प्रदर्शन आयोजित कर रही हैं. इससे इमरान सरकार के स्थायित्व पर दबाव बढ़ता जा रहा है. सरकार की हामी पार्टियां, जिनमें PML-Q, शामिल है, इसके नेशनल असेंबली मेंबर्स का कहना है कि उनके लिए सरकार को सपोर्ट करते रहना अब मुश्किल होता जा रहा है. ऐसा लगता है कि आने वाले दिन इमरान खान की सरकार पर काफी भारी होने वाले हैं.
Gulabi
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