सम्पादकीय

Pakistan Political Drama : क्या हार कर भी जीत जाएंगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान?

Gulabi Jagat
26 March 2022 3:34 PM GMT
Pakistan Political Drama : क्या हार कर भी जीत जाएंगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान?
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पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान जो सबको ना घबराने की सलाह देते थे
अफरोज आलम.
पाकिस्तान (Pakistan) के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) जो सबको ना घबराने की सलाह देते थे वो आज कल खुद घबराए फिर रहे हैं. सारा विपक्ष इकट्ठा होकर इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है, दरअसल इमरान खान को सबसे ज्यादा विरोध का सामना उनकी खुद की पार्टी से करना पड़ रहा है, इमरान खान की पार्टी PTI के तकरीबन 35 सांसद बागी हो गए हैं और वे भी विपक्ष के साथ मिलकर पीएम खान को सत्ता से बाहर करने में लग गए हैं. और माना जा रहा है कि इमरान खान का जाना भी लगभग तय है. जबसे पाकिस्तान वजूद में आया है कोइ भी ऐसा पीएम नहीं आया जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया होगा, ऐसा ही इमरान खान के बारे में भी कहा जा रहा है, इमरान खान का विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के आगे टिक पाना तो मुश्किल है, लेकिन इमरान खान इस हार के भी बाजीगर होंगे ये देखने वाली बात होगी.
पाकिस्तना की जनता के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि कप्तान खान के जाने के बाद देश की बागडोर किसके हाथ में होगी, खबरों की मानें तो विपक्ष सत्ता को ठोल शहबाज शरीफ के गले में डाल कर बाकी सारे उसे बजाएंगे और उस सरकार की हालत क्या होगी इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं. डेढ़ साल के अंदर पाकिस्तान में फिर आमचुनाव होने हैं , पक्ष-विपक्ष को जनता के सामने जाना होगा डेढ़ साल खिचड़ी सरकार चलाने के बाद शहबाज शरीफ की इमेज का क्या होगा इसका अंदेशा आप लगा सकते हैं. शहबाज शरीफ पर पहले ही भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं, शाहबाज के बड़े भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उनको कुर्सी गंवानी पड़ी थी.
27 मार्च का जलसा गेमचेंजर होगा
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) देश के विपक्षी दलों पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ और अन्य सहित कम से कम 20 राजनीतिक दलों का एक संयुक्त गठबंधन है. पीडीएम के नेता सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के दर्जनों दलबदल सदस्यों और सहयोगियों का समर्थन हासिल करने का दावा कर रहे हैं. पीडीएम ने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से खान को सत्ता से बाहर करने की कसम खाई है, विपक्ष अपने मकसद में कामयाब होता है या नहीं देखना होगा.
पाकिस्तना के तकरीबन 15 बड़े पत्रकारों के साथ एक गुप्त मीटिंग में इमरान खान ने माना कि वो मेंटली रेडी हैं किसी भी परिस्तिथी का सामना करने के लिए, इमरान ने पत्रकारों से साथ मीटिंग में अपनी फॉरेन पॉलिसी की भी बातें की इमरान के कहा कि मेरे जाने के बाद वेस्ट को 'Absolutely not' कहने वाला कोई नहीं होगा, जिसका जवाब अगली सरकारों को देना होगा. मीटिंग में इमरान खान ने भारत के विदेश नीति की फिर से तारीफ की कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति भी भारत जैसी स्वतंत्र होनी चाहिए, हम किसी ब्लॉक से बंध कर नहीं रहना चाहते. दरअसल इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान की विदेश नीति में जबरदस्त बदलाव आया इमरान ने अपना फोकस वेस्ट से हटा कर एशियन देशों की तरफ ज़्यादा तवज्जो दिया. इमरान खान ने रूस- युक्रेन की लड़ाई के बीच रूस जा कर सबको चौंका दिया किसी ने इमरान खान के कदम की तारीफ की तो किसी ने मजम्मत.
यूरोपियन यूनियन के एंबेसेडर ने पाकिस्तान सरकार को ओपन लेटर लिख कर यूक्रेन का समर्थन करने का दबाव भी डाला जिसका इमरान खान ने खुद जवाब दिया वो भी खुले मंच से इमरान ने कहा 'आप हमारे बारे में क्या सोचते हैं? क्या हम आपके गुलाम हैं… कि जो भी आप कहेंगे, हम वही करेंगे. हमारी पाकिस्तान, रूस, चीन और यूरोप के साथ दोस्ती है. तभी हम तटस्थ हैं. इसलिए हम यूक्रेन में इस युद्ध को समाप्त करने के प्रयास में इन देशों के साथ सहयोग करने का प्रयास करेंगे.' इमरान ने पत्रकारों से बातचीत को दौरान ये कहा कि 27 मार्च का जलसा गेमचेंजर होगा. बाकी इमरान खान के पास वक्त कम बचा है खुद को तैयार रखें कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद उनका अगला कदम क्या होगा.
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