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पाकिस्तान नए सिरे से भारत में आतंकी हमलों की फिराक में दिख रहा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| तिलकराज | दिल्ली पुलिस की ओर से छह आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उनके और साथियों की तलाश में देश के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी से यही पता चलता है कि उनका नेटवर्क कहीं अधिक फैला हुआ था। गिरफ्तार किए गए आतंकियों का मकसद त्योहारों के मौके पर भीड़ वाले स्थानों में विस्फोट करना और कुछ नेताओं को निशाना बनाना भी था। दिल्ली पुलिस के हाथ लगे आतंकियों के सभी साथियों की गिरफ्तारी जरूरी है, क्योंकि तभी उनके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने और आतंकी हमलों के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी।
इन आतंकियों की गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि पुलिस और खुफिया एजेंसियों को सदा चौकस रहने की आवश्यकता है। यह आवश्यकता इसलिए और बढ़ गई है, क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद एक तो दुनिया भर में आतंकी तत्वों का दुस्साहस बढ़ा है और दूसरे पाकिस्तान भारत में नए सिरे से आतंकी हमलों की फिराक में दिख रहा है। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि दिल्ली पुलिस की ओर से पकड़े गए आतंकियों में से दो आतंकी प्रशिक्षण लेने पाकिस्तान गए थे। इन्हें खुद पाकिस्तानी सेना के जवानों ने विस्फोटक तैयार करने और हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया। ये आतंकी ओमान के रास्ते वहां पहुंचे थे।
यह भारत के लिए चिंता का विषय बनना चाहिए कि आतंकी अब अन्य रास्तों से भी पाकिस्तान पहुंच रहे हैं। एक समय वे सीमा पार कर वहां पहुंचते थे, फिर संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते जाने लगे। अब लगता है कि उन्होंने ओमान का रास्ता पकड़ा है और इस काम में अंडरवल्र्ड उनकी मदद कर रहा है। भारत को इस नतीजे पर पहुंचने में देर नहीं करनी चाहिए कि पाकिस्तान न केवल आतंकी तत्वों, बल्कि अंडरवर्ल्ड के गुर्गों को भी पनाह देने का काम पहले की तरह ही कर रहा है।
यह ठीक है कि भारत ने पाकिस्तान की इन्हीं शैतानी हरकतों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में यह कहने में संकोच नहीं किया कि यह देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों के साथ अन्य आतंकवादियों का न केवल खुलकर समर्थन करता है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण, पैसा और हथियार भी देता है, लेकिन इससे पाकिस्तान की सेहत पर शायद ही कोई असर पड़े। वास्तव में वह तब तक सही रास्ते पर नहीं आने वाला, जब तक भारत उसे उसके किए की सजा देने के इरादे नए सिरे से जाहिर नहीं करता। चूंकि यह साफ है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आ जाने के बाद पाकिस्तान का दुस्साहस और बढ़ेगा इसलिए भारत को कहीं अधिक सतर्क रहना होगा। सतर्कता का यह भाव हमारी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समाज में भी नजर आना चाहिए।