सम्पादकीय

Pakistan: पाकिस्तान में गृहयुद्ध की आशंका, इमरान खान के 'आजादी मार्च' से देश भर में मची अफरा-तफरी

Rani Sahu
27 May 2022 2:23 PM GMT
Pakistan: पाकिस्तान में गृहयुद्ध की आशंका, इमरान खान के आजादी मार्च से देश भर में मची अफरा-तफरी
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इस्लामाबाद में आयोजित ‘आजादी मार्च’ के एक दिन बाद पाकिस्तान (Pakistan) के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने गुरुवार को मौजूदा सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सरकार छह दिनों के भीतर चुनाव की घोषणा करे या तो वह संपूर्ण देश के साथ राजधानी लौटेंगे

प्रशांत सक्सेना |

इस्लामाबाद में आयोजित 'आजादी मार्च' के एक दिन बाद पाकिस्तान (Pakistan) के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने गुरुवार को मौजूदा सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सरकार छह दिनों के भीतर चुनाव की घोषणा करे या तो वह संपूर्ण देश के साथ राजधानी लौटेंगे. बुधवार को लाहौर में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के दर्जनों प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागने और गिरफ्तार करने से देश के पंजाब प्रांत में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि देश की राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) में मार्च करने से रोकने के लिए पुलिस की ओर से इस्तेमाल किए गए शिपिंग कंटेनरों को पीटीआई कार्यकर्ताओं ने दूर धकेल दिया.
अपदस्थ प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान में तत्काल चुनाव की मांग की है और पाकिस्तानियों से पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) गठबंधन के तहत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) से संबंधित शहबाज शरीफ की 'इम्पोर्टेड सरकार' को हटाने के लिए बार-बार अपील की. अपने जोशीले भाषण में अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि वे जून में आम चुनाव कराने के लिए गठबंधन सरकार को भरपूर समय दे रहे हैं. इमरान ने कहा, 'देश को एकजुट करना मेरा कर्तव्य है.' उन्होंने कहा कि वे आभारी हैं कि देश 'आयातित सरकार' के खिलाफ एकजुट हुआ है.
सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए सेना को बुलाया
पीटीआई कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा देश की राजधानी के सभी मार्ग पर लगाए गए कंटेनरों को धकेलने और आंसू गैस के गोले झेलने के बाद पूर्व पीएम बुधवार को पार्टी के अन्य नेताओं के साथ इस्लामाबाद पहुंचे. जैसे ही पार्टी चेयरमैन का कारवां इस्लामाबाद में प्रवेश करने के बाद फेमस डी-चौक की तरफ बढ़ा, सरकार ने राजधानी के रेड जोन की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना को बुला लिया. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट, पार्लियामेंट हाउस, प्रेसिडेंसी, प्रधानमंत्री कार्यालय सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण सरकारी भवनों की सुरक्षा के लिए निर्णय लिया गया.
पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर था: सुप्रीम कोर्ट
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पीटीआई द्वारा आयोजित मार्च से पहले राजधानी में पुलिस की नाकेबंदी के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई. बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस इजाजुल अहसान ने कहा कि राजधानी के सभी अस्पतालों में इमरजेंसी लगा दी गई है जबकि स्कूल और परिवहन सेवा बंद कर दिए गए हैं. उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि देश आर्थिक रूप से एक नाजुक मोड़ पर और दिवालिया होने की कगार पर है. उन्होंने पूछा, "क्या हर विरोध के लिए देश बंद रहेगा?' उन्होंने कहा कि सभी स्कूली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं, सड़कें जाम कर दी गई हैं और कारोबार बंद कर दिया गया है.
बाद में अदालत ने इस्लामाबाद के चीफ कमिशनर को पीटीआई को आजादी मार्च आयोजित करने के लिए वैकल्पिक जगह उपलब्ध कराने और प्रदर्शनकारियों के लिए ट्रैफिक प्लान तैयार करने का निर्देश दिया ताकि वे रैली स्थल तक पहुंच सकें.
इमरान के तेवर, सरकार की नाकामी पाकिस्तान के लिए खतरनाक
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की अगुवाई वाली पीडीएम (PDM) ने बुधवार को रैली के लिए देश की राजधानी इस्लामाबाद तक मार्च करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी.
गंभीर आर्थिक संकट से घिरे देश में अपदस्थ प्रधानमंत्री द्वारा तत्काल चुनाव के लिए बुलाए गए प्रोटेस्ट मार्च सीरीज में से एक 'आजादी मार्च' पर एकाएक धावा बोलना और एक पुलिसकर्मी की मौत गृहयुद्ध की आशंकाओं को जन्म देता है. पाकिस्तान श्रीलंका जैसी स्थिति की तरफ पहुंच रहा है क्योंकि शहबाज शरीफ की सरकार के पास देश के इम्पोर्ट बिल का भुगतान करने के लिए केवल एक महीने या उससे अधिक समय तक चलने लायक विदेशी भंडार है और आगे कर्ज मिलने की कोई संभावना नहीं है.
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह (Rana Sanaullah) ने मंगलवार को कहा कि देश की कैबिनेट ने फैसला किया है कि वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को इस्लामाबाद तक 'लॉन्ग मार्च' करने की अनुमति नहीं देगी. इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को पीटीआई को मार्च की आड़ में 'अराजकता और अव्यवस्था' फैलाने की अनुमति नहीं है. 'उन्हें रोका जाएगा ताकि वे अपने भ्रामक एजेंडे का प्रचार न कर सकें.' उन्होंने कहा 'ये लोग (पीटीआई) गालियों से गोलियों की ओर बढ़ गए हैं. लाहौर में एक पुलिस कांस्टेबल की हत्या कर दी गई है.'
पाकिस्तानी गृह मंत्री कांस्टेबल कमाल अहमद की बात कर रहे थे, जिनकी सोमवार रात लाहौर के एक इलाके में पुलिस की छापेमारी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिसकर्मी की मौत के लिए कैबिनेट मंत्रियों और पीटीआई ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है.
पाकिस्तान में भारी ध्रुवीकरण
शहबाज शरीफ की सरकार ने इमरान पर देश को गृहयुद्ध की स्थिति की ओर ले जाने का आरोप लगाया है. शरीफ ने रविवार को कहा था, 'देश उनके नापाक मंसूबों के लिए उनका कॉलर पकड़ेगा.' इस बीच, पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार 'डॉन' ने बताया कि वित्तीय मोर्चे पर पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (Pakistan Stock Exchange) का बेंचमार्क KSE-100 इंडेक्स बुधवार को 500 अंक से अधिक टूट गया, क्योंकि लाहौर में पीटीआई प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच टकराव ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया.
केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के फैसले और राजनीतिक अस्थिरता को शेयरों में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. डॉन ने एक बैंकर के हवाले से कहा, 'घरेलू और विदेशी निवेशक बाजार से अपनी पूंजी निकाल रहे हैं. राजनीतिक मामले इस हद तक बिगड़ गए हैं कि सऊदी अरब की घोषणा के बावजूद बाजार में सुधार नहीं हुआ है, जिसमें सऊदी अरब की 3 बिलियन डॉलर की जमा राशि पाकिस्तान को देने की घोषणा की गई है'.
जैसे-जैसे सरकार और पीटीआई के बीच सत्ता की खींचतान बढ़ती जा रही है, सरकार खुद को फिर से मजबूत करने के लिए बेताब दिख रही है. सरकार पर पीटीआई प्रमुख के लगातार हमले ने व्यवस्था में अव्यवस्था फैला दी है. 'डॉन' ने अपने संपादकीय में लिखा, 'इमरान खान एक इंच भी देने को तैयार नहीं हैं, भले ही देश को कितनी भी कीमत चुकानी पड़े.
इमरान ने अपने राजनीतिक अभियान को जिहाद बताया
पाकिस्तान में अस्थिरता के हालात को देखते हुए पीटीआई ने अपने बयानों और आक्रोश जाहिर करने के मामले में तेजी से इस्लामिस्ट की जगह ले ली है. पार्टी बड़ी भीड़ के सामने इस्लाम के धार्मिक नेताओं के मुहावरों का इस्तेमाल कर रही है. अख़बार 'द फ्राइडे टाइम्स' ने लिखा, 'ये भीड़ है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जैसे लोकप्रिय राजनीतिक नेताओं द्वारा अपने दिमाग में अंकित विभाजनकारी दर्शन, मुहावरों और शब्दजाल को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. पेशावर में अपने 'लॉन्ग मार्च' के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमरान खान ने बार-बार अपने राजनीतिक अभियान को जिहाद करार दिया'.
पाकिस्तान के इतिहास का एक और काला दौर
पाकिस्तान में इमरान के बाद की रैली में चाहे कुछ भी हो, आने वाले दिन सभी राजनीतिक दलों और उनकी क्षमता या सामूहिक रूप से कहीं अधिक गंभीर संकट देश के दिवालिया होने के डर का सामना करने की क्षमता का परीक्षण करेंगे. इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि गेंद अब न्यायपालिका, नौकरशाही और 'न्यूट्रल्स' के पाले में है. उन्हें यह दिखाना है कि वे देश पर शासन करने वाले 'चोरों' के साथ हैं या नहीं.

सोर्स -tv9hindi.com

Rani Sahu

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