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- FATF की काली सूची में...
पाकिस्तान एक बार फिर एफएटीएफ की काली सूची में जाने से बच गया है। भारत के साथ हुए पहले के युद्धविराम समझौतों को प्रभावी रूप से लागू करने की यह घोषणा ब्लैक लिस्ट से बचने की ही कयावद जान पड़ती है। मगर पाकिस्तानी सेना अपनी आतंकी कारगुजारियों से बाज आएगी, इसमें संदेह है। अतः यह एक अस्थायी समझौता सिद्ध होगा। इस युद्धविराम पर भारत-चीन समझौते का स्पष्ट प्रभाव परिलक्षित है। पाकिस्तान की रणनीतियों के दिशा निर्धारण में चीनी रुख की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत को घेरने की चीनी रणनीति का वह प्रमुख भागीदार है। पर परिस्थितियां बदल रही हैं। भारत ने सीमाओं पर पाक क्षेत्र के अंदर दूर तक मार करने में सक्षम तोपों की तैनाती शुरू की है। पाकिस्तान सोचता है कि उसके जो आतंकी केंद्र, लॉन्च पैड भारतीय तोपों की रेंज में हैं, वे युद्धविराम के अनुपालन से सुरक्षित हो जाएंगे। युद्धविराम का अर्थ यह नहीं कि पाकिस्तान अपने आतंकी अभियानों को भी विराम दे देगा। ग्रे लिस्ट की मजबूरियां पाकिस्तान को निरंतर चीन के दरवाजे पर दस्तक देने को मजबूर रखेंगी।