सम्पादकीय

Open House का अपना आनंद

Triveni
21 July 2021 2:49 AM GMT
Open House का अपना आनंद
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जैसे कोरोना शुुरू हुआ हमने वरिष्ठ नागरिकों का बहुत ख्याल रखा।

किरण चोपड़ा| जैसे कोरोना शुुरू हुआ हमने वरिष्ठ नागरिकों का बहुत ख्याल रखा। उन्हें इस समय व्यस्त और मस्त रखा। बहुत से आनलाइन कम्पीटिशन और वेबिनार करवाए, जो बहुत ही सफल हुए और उन्होंने देश-विदेश में अपनी धूम मचाई।

आजकल हमारा ओपन हाउस प्रोग्राम चल रहा है। इसका अर्थ है कि यह अब खुला मंच है, जहां पर सभी वरिष्ठ नागरिक अपने दिल से जो उनका मन आता है या जो उनकी इच्छा है, ख्वाइश है, चाहे गीत गाने की, कविता या शायरी सुनाने की, डांस करने की, भंगड़ा, गिद्दा, एक्टिंग, भजन या कोई अपना टैलेंट दिखाने की या कोई खाने की रेस्पी बताएं यानि जो कुछ भी हो वो सुनाएं या करके दिखाएं।
सभी लोग भाग ले रहे हैं। बहुत ही आनंद आ रहा है। मुझे तो ऐसे लगता है कि जैसे कई बच्चे अपने-अपने तरीके से अपनी प्रतिभाएं दिखा रहे हैं। आगे जितने भी कम्पीटिशन हुए हैं उनकी वीडियो ब्रांच हैड के पास आती थीं और वह हमारी को-ओडिनेटर के नम्बर पर भेजते थे और वो मुझे। फिर मैं अपनी देखरेख में अपलोड करवाती थी, क्योंकि मेरा हमेशा मानना है कि हर बात मर्यादा में रहकर होनी चाहिए और होती भी है। अब 17 साल हो रहे हैं आज तक मुझे किसी की कभी कोई शिकायत नहीं आई। हमारे सम्मानपूर्वक सदस्यों ने कभी कोई सीमा लांघने की कोशिश भी नहीं की। बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हमारा क्लब आगे बढ़ रहा है।
इस बार ओपन हाऊस की वीडियो ब्रांच हैड के पास और फिर हमारी दो कोडिनेटर हैं राधिका और मधू उनके पास आती हैं। फिर अपलोड होती है। अब इतनी अलग तरह की वीडियो आ रही हैं। यह सब कभी-कभी कन्फ्यूज हो जाते हैं कि यह अपलोड हो भी सकती है कि नहीं तो मैं हंस देती हूं कि इसी को तो ओपन हाऊस कहते हैं, जो दिल करता है करने दो। बस कुछ भी वल्गर नहीं होना चाहिए।
पिछले दिनों हैदराबाद से 81 वर्षीय भावना जी ने बुनते हुए की वीडियो भेजी और शशि बाला (70 वर्षीय)ने कनाडा से 'इन्हीं लोगों ने ले लिया दुपट्टा मेरा' पर डांस करते हुए वीिडयो भेजी। लाल कपड़ों में बहुत सुन्दर और लग ही नहीं रहा कि 70 वर्षीय हैं। कमाल है उनकी ब्रांच हैड किरण मदान जी भी कन्फ्यूज थीं कि क्या करें... तो मैंने उनको हंस कर कहा ओपन हाऊस है, चलने दो। ऐसी ही हैदराबाद से एक सदस्य ने रसोई में बैठकर एक सुघड़ गृहिणी की तरह अपनी ही भाषा (हैदराबाद की भाषा) में कचौरी बनानी सिखाई। राधिका ने पूछा क्या करें-तो मैंने कहा इसी में आनंद है। बड़ी नैचुरल है, आनंद ही आनंद है। एक हैदराबाद की सदस्य ने एक मिनट में मिठाई बनाना सिखाई। एक सदस्य ने बहुत बढिय़ा रंगोली बनाना सिखाई। क्या बात है आनंद ही आनंद। कई सदस्य भजन, गीत, गाने सुना रहे हैं, कईयों का तो सुर बहुत अच्छा है। कईयों का तो न सुर है, न ताल है, पर आनंद ही आनंद है। एक बहुत ही क्यूट पश्चिम विहार की सदस्य यंग फिलिंग के साथ बिल्कुल यंग दिखाई दे रही हैं। पहाड़ी पर बैठकर पीछे नदी बह रही है, 'दिल है छोटा सा छोटी सी आशा' क्या मस्ती भरे प्यारे से एक्शन किए हैं आनंद ही आनंद है। हमारे प्यारे डाक्टर यश गुलाटी जी ने अपनी तीन मनपसंद प्रार्थनाएं म्यूजिक के साथ भेजी हैं। विरेन्द्र मेहता जीके से क्या कविता? कह डाली बुजुर्गों के बचपन पर, क्या ओपन हाऊस में उनकी कविता सार्थक होती दिखाई दे रही है। प्रसिद्ध कवियत्री सविता चड्ढा ने रिश्तों पर ऐसी पंक्तियां कह डाली कि मीलियंस में लोगों ने पसंद की। गुजरांवाला टाउन का खन्ना कपल जिसकी मैं बहुत ही प्रशंसक हूं, बहुत लवली कपल है, ने कई लड्डू-बर्फी पर गीत गाकर लोगों का इस समय खाने को दिल ललचा दिया। रोहिणी के कमल अरोड़ा और के.के. सूदन 87 वर्षीय, पंजाबी बाग के कुलवीर मोहन, फरीदाबाद के आर.एस. केन्थ 83 वर्षीय, रविन्द्र सरदाना 68 वर्षीय ने तो कमाल कर दिया। पंजाबी बाग की सविता कालरा और पश्चिम विहार के पुरी, वो भी किसी से कम नहीं। सब देखकर लग रहे यही कह दूं फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन और चारों तरफ आनंद ही आनंद है। सभी ओपन हाऊस के संग हैं।


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