सम्पादकीय

Overseas Indians: भारत का चेहरा हैं प्रवासी भारतीय, देश के विकास में अहम भूमिका

Neha Dani
5 Jan 2023 2:05 AM GMT
Overseas Indians: भारत का चेहरा हैं प्रवासी भारतीय, देश के विकास में अहम भूमिका
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विकसित देश बनने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने में प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका हो सकती है।
नौ और दस जनवरी को देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में होने वाले 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की ओर पूरी दुनिया के भारतवंशियों और प्रवासी भारतीयों की निगाहें लगी हुई हैं। इस सम्मेलन में कोई 68 देशों के 2,800 से अधिक भारतवंशी और प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली और सूरीनाम के राष्ट्रपति चन्द्रिकाप्रसाद संतोखी अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। नौ जनवरी को मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 10 जनवरी को समापन समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू मौजूद होंगी।
गौरतलब है कि देश के विकास में प्रवासी भारतीय और भारतवंशियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस प्रत्येक वर्ष नौ जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे थे। प्रवासी भारतीयों के साथ भारत के संबंधों को ऊर्जाशील बनाने में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अहम भूमिका निभाई। उन्हीं के प्रयासों से 2003 से प्रवासी भारतीय दिवस समारोह शुरू हुआ और इससे प्रवासी भारतीय भारत के लगातार निकट आते गए हैं। वर्ष 2023 में भारत के हाथों में जी-20 की कमान होगी और वर्ष 2023 की शुरुआत में 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन हो रहा है। भारतवंशी और प्रवासी भारतीय भारत की महान पूंजी हैं। प्रवासी भारतीय विश्व के समक्ष भारत का चमकता चेहरा हैं, साथ ही भारत के हितों के हिमायती भी हैं।
दुनिया के प्रभावी भारतवंशियों के द्वारा भारत के साथ सहयोग के सूत्र तेजी से आगे बढ़ाए गए हैं। इनमें ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिका की पहली महिला और पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और दिसंबर, 2022 में आयरलैंड के नए प्रधानमंत्री बने लियो वराड़कर सहित दुनिया के कोने-कोने में रहने वाले अनेक प्रभावी राजनेताओं के नाम उभरकर दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह आईटी, कंप्यूटर, मैनेजमेंट, बैंकिंग, वित्त आदि के क्षेत्र में दुनिया में ऊंचाइयों पर दिखाई दे रहे भारतवंशियों और प्रवासियों द्वारा भारत के साथ सहयोग व स्नेह के सूत्र मजबूत किए जा रहे हैं।
इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि भारतीय प्रवासी भारत को धन भेजने के मामले में अन्य सभी देशों के प्रवासियों से बहुत आगे हैं। विश्व बैंक की 'माइग्रेशन ऐंड डेवलमपेंट ब्रीफ' रिपोर्ट, 2022 के मुताबिक, विदेश में कमाई करके अपने देश में धन (रेमिटेंस) भेजने के मामले में वर्ष 2022 में भारतीय प्रवासी दुनिया में सबसे आगे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली रकम करीब 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अतीत में जब भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट आई, तब प्रवासी भारतीयों ने मुक्त हस्त से विदेशी मुद्रा कोष को बढ़ाने में सहयोग दिया है। जब 11 और 13 मई, 1998 को भारत द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण पोखरण-2 विस्फोट के बाद अमेरिका ने आर्थिक प्रतिबंध लगाया, तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए रिसर्जेंट इंडिया बॉन्ड्स की मदद से 4.8 अरब डॉलर की राशि जुटाई गई थी।
वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही, यानी अप्रैल से जून के दौरान कोरोना संक्रमण की दूसरी दर्दनाक लहर के बीच भारतीय प्रवासियों ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक मजबूत करने के लिए पीएम केयर्स फंड में भरपूर योगदान दिया। देश में गरीबी, भूख की चुनौती, जीवन प्रत्याशा, स्वास्थ्य व शिक्षा की बड़ी चुनौतियों के निराकरण और देश में डिजिटल नई पीढ़ी तैयार करने के लिए प्रवासी भारतीयों के सहयोग की जरूरत अनुभव की जा रही है। ऐसे में वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने में प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका हो सकती है।

सोर्स: अमर उजाला

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