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मध्य प्रदेश के प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) के तीन परीक्षाओं को निरस्त करने के बाद यह सवाल बेहद महत्वपूर्ण हो गया है कि आखिर सरकारी विभागों के लिए की जाने वाली भर्ती के लिए विश्वसनीय तंत्र विकसित क्यों नहीं हो पा रहा है. मध्यप्रदेश में आठ साल पहले हुए बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने की थी. कुछ मामलों का अदालत में ट्रायल चल रहा है, कुछ चालान का इंतजार कर रहे हैं. अब भर्ती परीक्षा के नए विवाद की चपेट में शिवराज सिंह चौहान की सरकार आती दिखाई दे रही है. वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी की जिस भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया गया है, उसकी मेरिट लिस्ट में एक ही शहर के कई सफल उम्मीदवारों के नाम-ऊपर नीचे थे. जो तीन परीक्षाएं निरस्त की गई हैं, वह 1587 पदों के लिए थीं. स्टाफ नर्स के कुल 466 पदों के लिए 30 हजार से अधिक लोगों ने परीक्षा दी थी.