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किरण चोपड़ा| अब ओपन हाऊस जी हां जब से कोरोना हुआ है हमने सबके लिए हर तरह की प्रतियोगिताएं रखीं ताकि सभी व्यस्त रहें। कोरोना से बचें और अकेलापन न महसूस हो। सबकी जिन्दगी की बहुत सी इच्छाएं, हसरतें पूरी हुईं परन्तु अभी भी बहुत से ऐसे संदेश हैं कि मैं यह करना चाहता हूं, चाहती हूं, आपको अपना डांस दिखाना चाहती हूं, आपको कविता सुनाना चाहती हूं, आपको गीत सुनाना चाहता हूं, आपको गजल सुनाना चाहता हूं। कोई कहता सितार, गिटार या हारमोनियम बजाकर सुनाना चाहती हूं । कोई कहता है कि मुझे इस समय एक अच्छी रेसपी खाने की बतानी है, कोई योगा आसन बताना चाहता है, कोई चुटकुला, कोई हंसाना चाहता है, कोई मिमिक्री करके दिखाना चाहता है। कोई फैंसी ड्रेस पहनना चाहता है। यानी अभी भी सबके अन्दर है कि हमारी इच्छा रहती है तो मैंने सोचा मेरे वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सभी सदस्य मुझे बहुत प्यारे हैं। मैं सबकी बहुत इज्जत करती हूं और मैं चाहती हूं कि मेरा एक-एक सदस्य बहुत खुश रहे, सम्मानित महसूस करे और जिसकी भी इच्छा हो पूरी हो।