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- आतंकवाद पर सिर्फ...

पाकिस्तान आतंकवाद की पनाहगाह है। आतंकी वहां खुलेआम घूमते हैं। आतंकवाद को 'राजनीतिक औजारÓ के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आतंकवाद पर देश भी सचेत रहें, क्योंकि आतंकवाद उनके लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकता है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी भी देश की (मौजूदा संदर्भ अफगानिस्तान) सरज़मीं आतंक फैलाने और किसी अन्य देश पर आतंकी हमले के लिए इस्तेमाल न की जाए। दुनिया में चरमपंथ, कट्टरपंथ फैलता जा रहा है। समंदर किसी की बपौती नहीं, सभी देशों की साझा विरासत है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन-रेखा है। उसका इस्तेमाल करें, दुरुपयोग न करें। विस्तारवाद पर लगाम लगनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासभा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय प्रधानमंत्री का संबोधन कमोबेश यही रहता है। प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से चार बार दुनिया के देशों को संबोधित कर चुके हैं। दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से प्रधानमंत्री मोदी तक के अंतरराष्ट्रीय संबोधनों का विश्लेषण करें, तो शाब्दिक सारांश होगा-पाकिस्तान और आतंकवाद। कुछ गलत भी नहीं है, क्योंकि भारत बीते तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद का शिकार रहा है।
divyahimachal
