सम्पादकीय

एक भारत, एक राशन कार्ड

Rani Sahu
6 May 2022 5:31 PM GMT
एक भारत, एक राशन कार्ड
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बर्लिन में अपने भाषण के दौरान जब परमादरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राशनकार्ड का उल्लेख किया

बर्लिन में अपने भाषण के दौरान जब परमादरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राशनकार्ड का उल्लेख किया, मुझे अपने जीवन की ये बात याद आ गई जब हमारे गांव में राशन के दो डिपो थे और हमारा राशन कार्ड केवल एक डिपो में चलता था। अक्सर जिस डिपो में हमारा राशन कार्ड था, वहां राशन लेट आया करता था। दूसरा उस डिपो में राशन कार्ड धारक भी बहुत होते थे। मुझे कम से कम दो से चार घंटे अपना राशन लेने को लगते थे, जिससे मेरा पढ़ाई का बहुत सा समय नष्ट हो जाता था, क्योंकि हम दूसरे डिपो, जिसमें कम राशन कार्ड धारक थे, वहां से राशन नहीं ले सकते थे। मैं अक्सर अपने पिता जी से दूसरी पंचायत का राशन कार्ड बनवाने को कहता था, तो उनका एक ही जवाब होता था कि हम जिस पंचायत में रहते हैं, केवल वहीं का राशन कार्ड बन सकता है। उस समय हम अपना राशन कार्ड चेंज नहीं करवा सके और मैं हर माह मिट्टी के तेल व राशन के लिए अपनी पढ़ाई का बहुमूल्य समय खोता रहा।

हम निम्न मध्यम वर्ग का पहले ही राशन की लंबी लाइनों से चोली-दामन का साथ होता है। उस पर राशन कार्ड को किसी दूसरे डिपो में न ले जाने की जो बंदिशें थी, वो और कठिनाई को बढ़ा देती थी। आज जब मैं डिजिटल राशन कार्ड को देखता हूं, तो एक राहत महसूस होती है कि आम जन की बहुत छोटी-छोटी इच्छाएं होती हैं। इस युग में आम जन की छोटी-छोटी समस्याओं को समझा जा रहा है और बहुत ही सुंदर तरीके से इनका निवारण हो रहा है। देखने को तो ये बहुत छोटा सा विषय है और देश के समृद्ध वर्ग के लिए राशन कार्ड केवल एक पहचान पत्र का विषय होगा, परंतु जिन मेरे जैसे लोगों को इन सबका अनुभव हुआ है, वे एक देश एक राशन कार्ड की उपयोगिता को भली-भांति जानते होंगे। अब हिमाचल का कोई व्यक्ति अगर दूसरे राज्य में रहता है, तो वह वहां पर भी अपना राशन ले सकता है। इसी तरह दूसरे राज्यों के लोगों को भी यह सुविधा दी गई है
-अतुल कुमार, गडख़ल, जिला सोलन


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