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भारतीय क्रिकेट को लेकर पिछले कुछ समय से जो बातें चल और अफ़वाहें उड़ रहीं थी
संजय किशोर भारतीय क्रिकेट को लेकर पिछले कुछ समय से जो बातें चल और अफ़वाहें उड़ रहीं थी उनमें से कुछ तो सही साबित हुईं, कुछ ख़ारिज़ हो गए और कुछ के राज़ और गहरे हो गए हैं. दक्षिण अफ़्रीका दौरे के पहले आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने कुछ ऐसी बातें कहीं जिससे साफ़ होता है कि बीसीसीआई के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. कोहली ने कहा कि वनडे टीम से कप्तान पद से हटाए जाने के पहले उनसे कोई बातचीत नहीं की गयी और टेस्ट टीम के चयन के लिए डेढ़ घंटे चली बैठक के आख़िर में उन्हें बताया गया कि वे वनडे के कप्तान नहीं हैं जबकि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि विराट से इस बारे में उनकी और चयनकर्ताओं की बातचीत हुई थी. ज़ाहिर है विराट कोहली ने चुप्पी क्या तोड़ी हंगामा मच गया.
विराट कोहली ने कहा, "फ़ैसले के दौरान हुई बातचीत के बारे में जो कुछ भी कहा गया वो ग़लत था. आठ तारीख़ को टेस्ट सीरीज़ के सेलेक्शन बैठक के मात्र डेढ़ घंटे पहले मुझसे संपर्क किया गया. मैंने 8 तारीख़ को जब T20 की कप्तानी की घोषणा की थी तब से मुझसे किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई थी. मुख्य चयनकर्ता ने मुझसे टेस्ट टीम के बारे में चर्चा की, जिसे लेकर हम दोनों सहमत थे और कॉल ख़त्म होने से पहले, मुझे बताया गया कि 5 चयनकर्ताओं ने ये फ़ैसला किया है कि मैं ODI का कप्तान नहीं बनाया जा रहा. मैंने इस पर जवाब दिया, ठीक है. बाद में सेलेक्शन कॉल के बाद हमने इसके बारे में संक्षेप में बातचीत की, बस यही हुआ था. इससे पहले इस बारे में कोई संवाद नहीं था."
आइए देख लेते हैं कि सौरव गांगुली ने क्या बयान दिया था...
"बीसीसीआई ने विराट से T20 की कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था. लेकिन वो नहीं माने. चयनकर्ताओं का मानना था कि सफ़ेद गेंद के दो स्वरूप के लिए दो कप्तान सही नहीं होंगे. उसके बाद फ़ैसला लिया गया कि विराट टेस्ट टीम के कप्तान बने रहेंगे और सीमित ओवर्स के कप्तानी रोहित शर्मा करेंगे. बीसीसीआई के अध्यक्ष के नाते मैंने और मुख्य चयनकर्ता ने भी विराट से बात की थी."
विराट ने गांगुली की बात कहा खंडन किया कि उनसे T20 की कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था. कोहली की मानें तो उन्होने बीसीसीआई को बता दिया था कि वे टेस्ट और वनडे के कप्तान बने रहेंगे. लेकिन बोर्ड अगर चाहता है कि उन्हें सीमित ओवर्स की कप्तानी छोड़नी चाहिए तो वे उसी समय छोड़ देते.
विराट ने कहा, "जब मैंने बीसीसीआई से कहा कि मैं T20 की कप्तानी छोड़ना चाहता हूं तो इसे अच्छी तरह स्वीकार किया गया था. इसको लेकर कोई हिचक नहीं थी. मैने उस वक्त बताया था कि मैं वनडे और टेस्ट में कप्तानी करना चाहूंगा. मेरी तरफ से सबकुछ स्पष्ट था. लेकिन मैंने ये भी बताया था कि अगर सेलेक्टर इससे सहमत नहीं है कि मुझे बाकी फार्मेट में लीड करना चाहिए...तो भी ठीक है..."
विराट ने तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए कहा कि वे दक्षिण अफ़्रीका में वनडे सीरीज़ के लिए उपलब्ध हैं और उन्हें रोहित शर्मा की कप्तानी में खेलने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है. पहले अफ़वाह उड़ी थी कि वे अपने बेटी वामिका के जन्मदिन के लिए छुट्टी ले रहे हैं. लिहज़ा वे वनडे सीरीज़ के लिए उपलब्ध नहीं हैं. मतलब निकाला गया कि विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच अहं की लड़ाई इतनी बढ़ गयी है कि दोनों एक साथ एक टीम में नहीं खेलना चाहते. इससे पहले अभ्यास के दौरान चोट के कारण उपकप्तान रोहित शर्मा 3 टेस्ट की सीरीज़ से बाहर होना पड़ा था.
कोहली ने कहा, "मैं सेलेक्शन के लिए उपलब्ध हूं पहले भी था. आपको ये सवाल नहीं पूछना चाहिए. आपको इस बारे में उन लोगों से पूछना चाहिए जो इस बारे में लिख रहे हैं. जहां तक मेरी बात है मैं सेलेक्शन के लिए हमेशा उपलब्ध हूं. इससे पहले जो इस बारे में कहा गया वो विश्वसनीय नहीं है. मैं ODI के लिए उपलब्ध हूं. मैं हमेशा खेलने के लिए तैयार था. जैसा की मैने कहा ये सवाल उन लोगों से पूछना चाहिए जो इस बारे में झूठ लिख रहे हैं."
ज़ाहिर है पिछले कुछ समय से बोर्ड में जो उथलपुथल चल रही है उन सब के बीच कप्तान विराट कोहली, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और और चयकर्ताओं के बीच तनाव और संवादहीनता है. बीसीसीआई को जल्द से जल्द टीम और ड्रेसिंग रूम का माहौल बेहतर करने की ज़रुरत है. टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों और खुद बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच संवादहीनता की कमी से भारतीय क्रिकेट को नुकसान होगा.
Rani Sahu
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