सम्पादकीय

ओमिक्रॉन की लहर निश्चित!

Rani Sahu
19 Dec 2021 6:54 PM GMT
ओमिक्रॉन की लहर निश्चित!
x
भारत में ओमिक्रॉन के संक्रमित मामले एक ही दिन में 115 से बढ़कर 145 तक पहुंच गए हैं

भारत में ओमिक्रॉन के संक्रमित मामले एक ही दिन में 115 से बढ़कर 145 तक पहुंच गए हैं। ये आंकड़े नए वायरस की पुष्टि के 17 दिन बाद के हैं। ओमिक्रॉन विश्व के 89 देशों में फैल चुका है। कुछ रपट ऐसी आई हैं कि यह संक्रमण 97 देशों तक फैल चुका है। यह वायरस 1.5 से 3 दिन के भीतर दोगुना हो रहा है। सबसे अधिक संक्रमण अमरीका और ब्रिटेन में फैल रहा है। अलबत्ता अधिकतर यूरोपीय देश इसकी जकड़ में आ चुके हैं। अमरीका में औसतन 1.23 लाख संक्रमित केस हररोज़ दर्ज किए जा रहे हैं। अस्पतालों में भर्ती होने की दर भी करीब 45 फीसदी बढ़ गई है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने मौत के अंजाम भुगतने की चेतावनी जारी की है। जो लॉबी टीकाकरण का विरोध करती रही है, उसे भी खामियाजा झेलने को आगाह किया गया है। अमरीका में कोरोना महामारी से अभी तक 7.5 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ब्रिटेन में कार्यरत डॉ. राजेय नारायण के मुताबिक, रोज़ाना एक लाख से ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे हैं। यह स्थिति तब है, जबकि करीब 85 फीसदी आबादी को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं और करीब 55 फीसदी आबादी में 'बूस्टर डोज़' भी लग चुकी है। उसके बावजूद अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगी है। ब्रिटेन के साथ-साथ नीदरलैंड्स में भी 'लॉकडाउन' कभी भी घोषित किया जा सकता है। हालांकि इन मामलों में डेल्टा और ओमिक्रॉन स्वरूप के कारण संक्रमण देखा जा रहा है। भारत भी उसी लकीर पर आगे बढ़ता जा रहा है। प्रख्यात चिकित्सकों ने भी विश्लेषण करना शुरू कर दिया है कि भारत में ओमिक्रॉन की बड़ी लहर आना निश्चित है। अब कोई उसे रोक नहीं सकता, क्योंकि नया स्वरूप देश के दर्जन भर राज्यों और संघशासित क्षेत्रों में फैल चुका है।

ज्यादा तेज संक्रमण के आसार सामुदायिक संक्रमण वाले इलाकों में हैं। फोर्टिस अस्पताल के निदेशक डॉ. राहुल भार्गव ने कुछ ऐसे मरीजों को देखा है, जिनके फेफड़ों में निमोनिया और संक्रमण था। ऑक्सीजन का स्तर भी 70-75 तक लुढ़क गया था। ये लक्षण डेल्टा स्वरूप से मिलते-जुलते हैं। एक चिकित्सा संस्थान के कुलपति डॉ. एस.के. सरीन का आकलन है कि फिलहाल हमारे सामने वे केस हैं, जिनकी जीनोम सीक्वेंसिंग की रपट आ चुकी है। अंततः जो आंकड़ा सामने आएगा, उससे नए वेरिएंट के व्यापक संक्रमण की हकीकत खुलेगी। बेशक हम बड़ी लहर की तरफ बढ़ रहे हैं। यह मार्च-अप्रैल, 2022 तक 'पीक' की स्थिति में होगी। नीति आयोग के सदस्य एवं कोरोना पर राष्ट्रीय कार्यबल के अध्यक्ष डॉ. वी.के.पॉल की गणना ने डर और चिंता के भाव पैदा कर दिए हैं। उनके अनुसार, ब्रिटेन के संक्रमित मामलों को भारतीय आबादी के अनुपात में देखें, तो हमारे देश में 14-15 लाख केस रोज़ाना सामने आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में हमारा स्वास्थ्य और चिकित्सा ढांचा ढह सकता है। भारत में 12-13 करोड़ लोग अब भी ऐसे हैं, जिन्होंने किसी भी टीके की एक भी खुराक नहीं ली है। यानी उनकी इम्युनिटी की सुरक्षा संकट में हो सकती है। मेडिकल साइंस की विश्व विख्यात पत्रिका 'नेचर' में एक शोधात्मक आकलन छपा है कि जिन्होंने टीके की दोनों खुराकें ले ली हैं, उनमें टीके का असर सिर्फ 19 फीसदी है। यदि 'बूस्टर डोज़' ली है, तो असर करीब 53 फीसदी होगा। लिहाजा अमरीका, ब्रिटेन के साथ-साथ भारत के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी निष्कर्ष देना शुरू कर दिया है कि कमोबेश 50 साल की उम्र से ऊपरवालों और स्वास्थ्यकर्मियों को 'बूस्टर डोज़' देने की शुरुआत यथाशीघ्र करनी चाहिए। बाल-टीकाकरण भी किया जाए।

divyahimachal

Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story