सम्पादकीय

Omicron Sub Variants: ओमिक्रॉन के दो नए सब वेरिएंट से भारत को कितना खतरा है?

Rani Sahu
25 May 2022 8:52 AM GMT
Omicron Sub Variants: ओमिक्रॉन के दो नए सब वेरिएंट से भारत को कितना खतरा है?
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दक्षिण अफ्रीका में पिछले साल नवंबर में कोरोना वायरस (Corona) के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) का पहला मामला आया था

पंकज कुमार |

दक्षिण अफ्रीका में पिछले साल नवंबर में कोरोना वायरस (Corona) के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) का पहला मामला आया था. इसकी वजह से दक्षिण अफ्रीका में केस भी तेजी से बढ़े थे. तब विश्व स्वास्थ्य संगठन ओमिक्रॉन वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न माना था और कहा था कि ये वेरिएंट काफी तेजी से म्यूटेट कर रहा है. इससे दुनियाभर में फिर से कोरोना फैल सकता हैं. ऐसा हुआ भी और ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से दुनिया में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े. तब अमेरिका, यूके और ब्राजील में कोरोना ने कहर बरपाया था. भारत में भी इसी वेरिएंट की वजह से जनवरी में संक्रमण की तीसरी लहर आई थी. हालांकि इससे ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा और हॉस्पिटलाइजेशन या मौतों के आंकड़ों में भी इजाफा नहीं हुआ था. थर्ड वेव दूसरी के मुकाबले काफी हल्की रही, लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से चिंता बढ़ गई है. इसका कारण यह है कि ओमिक्रॉन के ही दो नए सब वेरिएंट BA.4 और BA.5 के (Omicron Variant BA.4 and BA.5) मामले भारत में आए हैं .
तमिलनाडु में एक महिला में ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.4 की पुष्टि हुई है. इस महिला की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली है. जिससे यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस वेरिएंट के देश में कई मामले हो सकते हैं. महिला में संक्रमण के हल्के लक्षण ही देखने को मिले हैं. ओमिक्रॉन के एक और सब वेरिएंट BA.5 का केस भी देश में आ गया है. तेलंगाना में एक बुजुर्ग मरीज में ये वेरिएंट मिला है. मरीज ने कोरोना के दोनों टीके भी ले रखें है और इस उसकी भी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. यानी, ये दोनों मरीज देश भी ही संक्रमित हुए हैं. कुछ ही दिनों में ओमिक्रॉन के दो नए सब वेरिएंट मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है और इन मरजों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. जिससे इन वेरिएंट के संक्रमितों की समय पर पहचान करके उन्हें आइसोलेट किया जा सके.
नए वेरिएंट के मामलों के आने के बाद अब इस बात की आशंका भी है कि क्या इससे कोई नया लहर आ सकती है? ये नए वेरिएंट खतरनाक होंगे या ओमिक्रॉन के तरह ही हल्के लक्षण वाले साबित होंगे.
बुजुर्ग और पुरानी बीमारी के मरीज रहें सतर्क
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि देश में इन सब वेरिएंट से कोई बड़ा खतरा होने की आशंका नहीं है. इसकी दो वजह है. पहली की तीसरी लहर के दौरान देशभर में ओमिक्रॉन वेरिएंट फैला था. आबादी का एक बड़ा हिस्सा इससे संक्रमित हो चुका है और लोगों में इस वेरिएंट के खिलाफ इम्यूनिटी है. दूसरा कारण यह है कि किसी वेरिएंट के दूसरे सब वेरिएंट से खतरा नहीं होगा है. क्योंकि सब वेरिएंट के लक्षण भी लगभग पुराने वेरिएंट जैसे ही होते हैं और ये वेरिएंट शरीर में प्रवेश करने के बाद इम्यूनिटी के सामने कमजोर हो जाते हैं. इससे पहले भी दूसरी लहर के बाद डेल्टा वेरिएंट का सब वेरिएंट डेल्टा प्लस आया था, लेकिन उससे केस नहीं बढ़े थे. ऐसे में इस बात का खतरा नहीं है कि भारत में इन वेरिएंट से केस तेजी से बढ़ सकते हैं. हालांकि बुजुर्ग और पुरानी बीमारी से पीड़ित लोगों को अभी भी खास ध्यान रखने की जरूरत है.
लक्षणों पर रखनी होगी नजर
कोविड एक्सपर्ट डॉ. युद्धवीर सिंह का कहना है कि जिन इलाकों में इन वेरिएंट के केस आए हैं. वहां लोगों में कोरोना के लक्षणों पर नजर रखनी होगी. ये देखना होगा कि जो लोग अब संक्रमित हो रहे हैं, उनमें कोई गंभीर लक्षण तो नहीं आ रहे. या अचानक से संक्रमितों की संख्या और हॉस्पिटलाइजेशन तो नहीं बढ़ रहा है. अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब होगा कि ये नए वेरिएंट का प्रभाव है. ऐसे में कुछ सख्त कदम उठाने होंगे. लेकिन अगर संक्रमितों में लक्षण वायरल की तरह ही रहे और लोग तीन से चार दिन में रिकवर हो गए तो मानें कि ये नए सब वेरिएंट पुराने ओमिक्रॉन की तरह ही होंगे. जिस हिसाब से ओमिक्रॉन के पैटर्न को देखा गया है. उसको देखते हुए अब लगता है कि इस वेरिएंट के सभी अन्य सब वेरिएंट किसी सामान्य वायरल की तरह ही होंगे और इससे केस बढ़ने का खतरा नहीं होगा. साथ ही किसी नई खतरनाक लहर (Corona New Wave) का जोखिम भी कम है.
किसी नए वेरिएंट को लेकर रहना होगा सतर्क
एक्सपर्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन के और भी सब वेरिएंट आ सकते हैं. क्योकि वायरस लगातार म्यूटेट कर रहा है और इससे ये वेरिएंट आ रहे हैं, लेकिन इनसे खतरा नहीं है, हालांकि अगर कोई नया वेरिएंट (Corona New Variant) आता है और वह तेजी से फैलता है तो केस बढ़ सकते हैं. हो सकता है कि कुछ इलाकों में छोटे-छोटे पीक भी आएं. इसके लिए जरूरी है कि बाहर से आने वाले यात्रियों पर खास निगरानी की जाए. जीनोम सीक्वेंसिंग भी इसी प्रकार जारी रहे और लोग कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते रहें. जिन लोगों में फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं वह समय पर अपनी जांच कराएं और भीड़ वाले इलाकों में मास्क जरूर लगाएं.

सोर्स- tv9hindi.com

Rani Sahu

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