सम्पादकीय

अब ओलिंपिक की कीमत!

Triveni
13 Aug 2021 5:18 AM GMT
अब ओलिंपिक की कीमत!
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जापान में टोक्यो ओलिंपिक खेलों के दौरान कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े और अब उसके सामने कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी से हो रहे फैलाव को रोकने की चुनौती है।

tokyo olympics covid cases जापान में टोक्यो ओलिंपिक खेलों के दौरान कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े और अब उसके सामने कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी से हो रहे फैलाव को रोकने की चुनौती है। अब खेलों से ध्यान हटने के बाद सार्वजनिक चर्चाओं में ध्यान प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा के भविष्य पर जा टिका है।

ऐसा लगता है कि लोगों की सेहत को जोखिम में डालते हुए ओलिंपिक खेलों का आयोजन करना जापान के प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा को महंगा पड़ेगा। जापान में इन खेलों के दौरान कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े और अब उसके सामने कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी से हो रहे फैलाव को रोकने की चुनौती है। अब खेलों से ध्यान हटने के बाद सार्वजनिक चर्चाओं में ध्यान प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा पर है। आलोचकों का कहना है कि सुगा ने महामारी को काबू में रखते हुए ओलिंपिक खेलों का आयोजन करने का दांव खेला था। उनकी निगाह अगले चुनाव पर थी। अगर वे खेलों के आयोजन के साथ महामारी नहीं फैलती तो सुगा उसे उसे अपनी बड़ी कामयाबी बताते। लेकिन अब कहानी उलट गई है। जापान में 21 अक्टूबर के पहले आम चुनाव होने तय हैँ। जापान की संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा का कार्यकाल अगले 21 अक्टूबर को खत्म होगा। अब ऐसा लगता है कि सुगा वैक्सीन कार्ड खेलने की तैयारी में हैं। उनकी रणनीति यह है कि कोरोना टीकाकरण की रफ्तार तेज कर उसे अपनी कामयाबी बताते हुए वे चुनाव मैदान में उतरें। लेकिन हकीकत यह है कि जापान में टीकाकरण की गति दूसरे विकसित देशों की तुलना में बहुत धीमी है।
तो अब सुगा ने कहा है कि इस महीने के अंत तक पूरी आबादी के 40 फीसदी हिस्से का टीकाकरण कर दिया जाएगा। अगर ये लक्ष्य उन्होंने पा लिया, तो फिर इसे वे अपनी कामयाबी बता कर ओलिंपिक के दौरान हासिल हुई नाकामी के असर से उबरने की कोशिश करेंगे। लेकिन फिलहाल यह साफ है कि सुगा सरकार के सामने कठिन परिस्थितियां हैं। राजनीतिक विश्लेषकों ने तो यहां तक कहा है कि ओलिंपिक खेलों का सुगा पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है। इसलिए अगर सुगा तुरंत चुनाव कराएं, तो सत्ताधारी पार्टी की हार तय है। ये स्थिति इसके बावजूद है कि इस बार ओलिंपिक खेलों में जापान ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की। 27 स्वर्ण पदकों के साथ वह पदक तालिका में तीसरे नंबर पर रहा। यह ओलिंपिक खेलों में उसकी सबसे बड़ी कामयाबी है। लेकिन जब लोगों की जान पर आफत आई हुई हो, तो ओलिंपिक खेलों में सफलता से उन्हें शायद ही बहलाया जा सकेगा। इसलिए आम राय यह है कि सुगा के लिए ओलिंपिक के जश्न के बाद अब वक्त उसकी कीमत चुकाने का है।


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