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रिश्वत लेना और देना अपराध है। जब से इस देश ने होश संभाली, आज़ादी के खुलेपन में सांस ली, तब से यहां हर सरकारी कार्यालय में ऐसे सूचनापट्ट देख कर लोग चौंक उठते थे। एक स्वस्थ और मुक्त समाज के सजग प्रहरी बनने की लालसा उनके मन में जाग उठती। एक ऐसा साफ-सुथरा नैतिक मूल्यों को समर्पित समाज लोगों के दृष्टि बिम्ब में उभरता जिसमें राम राज लौट आया है। लोग आदर्श जीवन जीते हुए देश के नव-निर्माण में जुटे हैं। लेकिन धीरे-धीरे समय की धूल आदर्शो के इस धुले पुंछे चेहरे पर पड़ती रही। आजकल तलाश भी करो तो रिश्वत की मनाही करने वाले ये सूचनापट्ट कहीं अपना प्रभाव दिखाते नज़र नहीं आते। बल्कि अभी एशिया के सत्तरह देशों का सर्वेक्षण 'ट्रांसपेरेंसी इंटर नैशनल' जैसे एक खोजी संस्थान ने किया है। उनका सबसे प्रमुख निष्कर्ष इस शोध में यह रहा कि इन सत्तरह देशों में रिश्वतखोरी में कोई देश अव्वल नंबर पर है तो वह है भारत। एक ऐसा देश जिसे हर प्रतियोगिता में पिछड़ने की आदत हो गई है।