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- अब तीसरी लहर की आशंका...
आदित्य चौपड़ा। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में जिस तरह कोहराम मचाया है उसकी सबसे बड़ी गवाह स्वयं गंगा नदी है जिसके तट से लेकर जल तक में कल तक लाशें दबी व तैरती मिल रही थीं। यह मंजर हमें चेता कर चला गया कि महामारी के मामले में गफलत बरतने का अंजाम क्या हो सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख श्री मोहन भागवत ने जब यह कहा कि दूसरी लहर के कहर की वजह हमारी गफलत है हमें तीसरी लहर के कयासों से पहले से ही अपने होश-ओ-हवास को दुरुस्त रखना होगा और एेसे पुख्ता इन्तजाम करने होंगे कि कोरोना हमारी तैयारियों से तौबा करने लगे। मगर यह कार्य विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के जबानी जमा-खर्च से नहीं होगा बल्कि जमीन पर चीखें मारती हकीकत को समझने से होगा। हकीकत यह है कि आज हर भारतीय के दरवाजे पर कोरोना दस्तक देकर उसकी रातों की नींदें उड़ा रहा है। सबसे पहले हमें इस माहौल को बिदा करने की व्यवस्था करनी होगी और तब सोचना होगा कि तीसरी लहर की आहट होने से पहले ही हम पुख्ता दम हो जायें। यह काम सब भारतवासियों को मिल कर ही करना होगा क्योंकि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों को आंख में काली फंगस की बीमारी जिस तरह पांव पसार रही है उससे एक नई समस्या खड़ी हो सकती है। इसकी तरफ प्रधानमन्त्री ने भी आज ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कोरोना को बहुरूपिया भी बताया और कहा कि यह रूप बदलने में माहिर है अतः हमें रात- दिन चौकन्ना होकर इससे लड़ना होगा।