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- अब सीबीआई का परचा

जांच के आईनों पर शक न हो, चेहरे पे सारा हिसाब ले के चलते हैं। राजनीति में विपक्ष द्वारा हिसाब लेना जितना मासूम और सरल है, उतना ही कठिन है सत्ता को निर्दोष साबित होना। एक पुलिस भर्ती ने सरकारी पक्ष की जांच के दायरे को इतना बड़ा तो कर ही दिया कि अब सीबीआई पूरे परिदृश्य में लौट रही है। सीबीआई जांच के पक्ष में सरकार के अपने कारण दिखाई देते हैं और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं इसकी निष्पक्षता को रेखांकित करते हैं। पुलिस भर्ती मामला अब राज्य बनाम राज्य होने वाला है, क्योंकि हिमाचल के बाहर भी नौकरी के पर्चे लीक हुए हैं। यहां भी गिरोह में फंसी पुलिस भर्ती के कई ऐसे चेहरे हैं जिनका संबंध प्रदेश के बाहर तक जुड़ता है। इसी तरह लेन-देन के मामले में पुलिस भर्ती का फर्जी आचरण कई कोषाध्यक्ष सामने लाता है। जिस तरह व जिस कीमत में पर्चे बिके, उसका अर्थगणित एक बड़े धंधे की ओर इशारा करता है। आशंका यही है कि कहीं युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करती पुलिस भर्ती आगे चलकर सीबीआई को राजनीति का चलचित्र ही न बना दे। अमूमन चुनाव से पूर्व या विपक्षी राज्यों के चाल चरित्र पर इतनी प्रतिकूल टिप्पणियां आ चुकी हैं कि राष्ट्रीय जांच के मुखौटे अब शिकार करने लगे हैं। अपराधियों की धरपकड़ में राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे की इज्जत उछालती हैं, जबकि जांच के निष्कर्ष धूमिल हो जाते हैं।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली
