सम्पादकीय

अब सबका रुख हिमाचल की ओर

Rani Sahu
30 May 2022 7:11 PM GMT
अब सबका रुख हिमाचल की ओर
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हिमाचल में चुनाव गतिविधियां तेज हो गई हैं

हिमाचल में चुनाव गतिविधियां तेज हो गई हैं, और सबकी तैयारियां भी। भारतीय जनता पार्टी ने अपने कार्यकाल के आठ वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में शिमला में एक बड़े समारोह के आयोजन का फैसला किया है। यह समारोह 31 मई को शिमला में होगा। उधर हाल ही में शिमला में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व एवं सदस्यों का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। मई महीने में ही धर्मशाला और कुल्लू में भारतीय जनता युवा मोर्चा और कार्यकारिणी की बैठक और रैलियां भी की गई, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या भी धर्मशाला आए। भाजपा अध्यक्ष ने कुल्लू में भी जनसभा को संबोधित किया था। यह बात ध्यान देने योग्य है कि भारतीय जनता पार्टी पूरा जोर लगा देगी मिशन रिपीट के लिए। इसके लिए चाहे उसे चुनावों की घोषणा से पहले कितनी ही रैलियां, रोड शो या सरकारी योजनाओं का लाभ हिमाचल की जनता को देना पड़े। कांग्रेस पार्टी के कई नेता अपने संगठन को मज़बूत करने में लगे हैं। इसका जिम्मा पूर्व राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा को दिया गया है।

राहुल गांधी भी लाहुल-स्पीति का दौरा कर सकते हैं। लेकिन सबकी निगाहें 31 मई को होने वाले समारोह की ओर लगी हुई हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल से रूहानी तौर पर जुड़े हुए हैं। हिमाचल में एक प्रचारक के रूप में उन्होंने काफी समय भी बिताया है। हिमाचल के लोगों की नब्ज़ को वह अच्छी तरह पहचानते हैं। इस समारोह में हिमाचल को कई उपहार मिल सकते हैं जिनमें रोज़गार, प्रगति और विकास की नई घोषणाएं, और हिमाचल के लोगों को यह समझाना कि अगर हिमाचल में फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आती है, तो केंद्र से भाजपा की सरकार प्रदेश के स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन को और विकसित करेगी। हिमाचल का जागरूक मतदाता शायद उनकी बातों को गंभीरता से ले। जिस तरह कोरोना काल में उन्होंने देश को संभाला है, वह एक मिसाल बन गया है। भले ही कुछ लोगों का इस बात से मतभेद हो। हिमाचल में कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी, दोनों दलों में आपसी मतभेद हैं। कांगड़ा और शिमला क्षेत्र के नेताओं में आने वाले चुनावों और कुछ गणमान्य नेताओं को पार्टी का व्यवहार और अनदेखी पसंद नहीं है। फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार रहे पूर्व राज्यसभा सांसद एवं छात्रकाल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता रहे कृपाल परमार को लगभग अनदेखा कर दिया गया है। पिछले एक साल में की गई रैलियों में या सभाओं में उन्हें महत्त्व नहीं दिया गया।
कृपाल परमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते भी हैं। उधर अचानक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का प्रो. प्रेम कुमार धूमल के यहां जाना और उनके पारिवारिक समारोह में शामिल होना, अचानक उनकी सुधबुध लेना, लगातार दिल्ली जाना, कहीं न कहीं यह दिखाता है की सब कुछ ठीक नहीं है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव प्रो. प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर लड़े गए थे। यह बात अलग है कि धूमल अपना चुनाव हार गए थे। जयराम ठाकुर बहुत ही मेहनती, ईमानदार और कर्मठ नेता हैं और हिमाचल को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। पिछले लगभग डेढ़ साल में उन्होंने प्रदेश के सभी हिस्सों का दौरा किया है। लोगों की समस्याओं को समझा और उनका निवारण करने की कोशिश की। उधर आम आदमी पार्टी भी इस त्रिकोणीय मुकाबले में अपनी दावेदारी पेश कर रही है। उनके पास प्रदेश में संगठन या पहचान के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं है। कांगड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी ज्यादा खुश नहीं हैं, मौजूदा हालात से। उन्हें लगता है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पनप रहा है और आपस में दूरियां भी बढ़ रही हैं। चुनावों से पहले सबको मिल-बैठ कर आपस में बात कर सब सुलझाना होगा, कोई भी चुनाव सबको साथ लेकर ही जीता जाता है। जिन लोगों ने संगठन के लिए काम किया है और इस उम्मीद में हैं कि उन्हें प्रदेश की सेवा करने का मौका मिलेगा। उपचुनावों में बहुत लोगों की अनदेखी हुई थी, जिसके नतीजें भारतीय जनता पार्टी को भुगतने पड़े थे। कांग्रेस पार्टी की पूरी कोशिश रहेगी कि सांसद प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में इस चुनाव में किसी तरह जीत हासिल करें। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति उपचुनावों में तो अच्छी थी, लेकिन आने वाले विधानसभा चुनावों में कितनी निपुणता से कांग्रेस आगे बढ़ती है, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
कांग्रेस में आपसी खींचतान और मनमुटाव भले ही बाहर से स्पष्ट दिखाई न दे, लेकिन अंदर कहीं न कहीं सुलग रहा है। जैसे-जैसे चुनाव का समय नज़दीक आता जाएगा, यह दरारें साफ नज़र आएंगी। वहीं हाल ही में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं, डाक्टरों की कमी तथा पुलिस विभाग की परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला ज्यादा तूल पकड़ गया। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वयोवृद्ध नेता शांता कुमार ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई। प्रदेश में भ्रष्टाचार के विरोध में जमीनी स्तर पर सोचना होगा। भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी होती हैं और किसी भी देश, प्रदेश या सभ्यता को नष्ट कर सकती हैं। यह बात सर्वविदित है कि पिछले आठ सालों में भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र में पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का प्रयास किया है, लेकिन इतने बड़े लोकतांत्रिक ढांचे को पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त करने में समय लगेगा। भारतीय जनता पार्टी सरकार के केंद्र में आठ वर्ष पूरे होने पर शिमला के ऐतिहासिक रिज़ मैदान में एक महा रैली का आयोजन किया जा रहा है। शिमला विधानसभा क्षेत्र के 50000 से ज्यादा लोग इसमें भाग लेंगे। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के कई गणमान्य नेता भी भाग लेंगे। सही मायने में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी राज्य हिमाचल में चुनाव का बिगुल बजाएंगे। इसे एक तरह की विधिवत शुरुआत भी कहा जा सकता है। जहां आठ साल में अर्जित की गई उपलब्धियों को गिनाया जाएगा, वहीं पर प्रदेश को कुछ ऐसे उपहार दिए जाने की भी उम्मीद है जिनसे प्रदेश की जनता को लाभ पहुंचेगा। आने वाला समय चुनावी राज्य हिमाचल में बहुत दिलचस्प होगा, प्रदेश के भविष्य और प्रगति के लिए।
रमेश पठानिया
स्वतंत्र लेखक

सोर्स- divyahimacha


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