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- अब कर्नाटक में बदलाव

कर्नाटक में येदियुरप्पा के एक बार फिर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और बासवराज बोम्मई के उनकी जगह लेने से राज्य में पिछले कुछ समय से जारी अनिश्चितता तो खत्म हो गई, लेकिन उतने ही भरोसे के साथ यह नहीं कहा जा सकता कि बीजेपी की आगे की राह की दुश्वारियां भी खत्म हो गई हैं। वैसे भी छह महीने के अंदर यह तीसरा मौका है, जब बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के इशारे पर किसी प्रदेश में मुख्यमंत्री बदला गया है। इनमें से दो मुख्यमंत्री उत्तराखंड में बदले गए। वैसे, कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन का तर्क समझा जा सकता है। येदियुरप्पा 78 साल के हो चुके हैं। क्या पार्टी 2023 में 80 साल के नेता की अगुआई में उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बताते हुए चुनाव में उतरती? अगर ऐसा नहीं करना था तो मुख्यमंत्री बदलने के फैसले में और देर करने की कोई वजह नहीं थी। लेकिन कोई यह बात उस नेता को कैसे समझाए, जो चार बार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। पद से हटाए जाने की टीस येदियुरप्पा के मन में गहरी है और इसकी झलक उन्होंने इस्तीफे की घोषणा के समय दिए गए अपने वक्तव्य में भी दिखला दी।
