- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- अब दिल्ली से आगे
दिल्ली में पिछले छह साल से भी अधिक समय से सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं किसी से छिपी नहीं हैं, और इसमें कोई बुराई भी नहीं है। देश का संविधान और लोकतंत्र, दोनों उसे अपने प्रभाव क्षेत्र के विस्तार की इजाजत देते हैं। दिल्ली में दूसरी बार भारी जीत हासिल करने के बाद से ही पार्टी ने राजधानी से बाहर अपनी संभावनाओं पर गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया था। पंजाब में तो वह 2017 से ही एक मजबूत स्थिति में है, उसने गुजरात, गोवा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी चुपचाप अपनी बुनियाद तैयार करने का काम शुरू कर दिया था। इस साल फरवरी में गुजरात निकाय चुनावों में सूरत नगर निगम की 27 सीटें जीतकर उसने सभी को चौंका दिया था। ये सभी राज्य विधानसभा चुनाव के मुहाने पर हैं और आम आदमी पार्टी इनके जरिये देश के मतदाताओं के साथ-साथ गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेसी दलों को भी एक संदेश देने की कोशिश कर रही है।