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- 'आप' के बस में नहीं
पंजाब के गली-मुहल्लों की चर्चा क्या करें, प्रख्यात 'स्वर्ण मंदिर' के अहाते में खालिस्तान की आवाज़ें सुनाई दी हैं। 'खालिस्तान जि़न्दाबाद' के नारे लगाए गए। खालिस्तान के रूप में पंजाब की आज़ादी के नए स्वर उभरने लगे हैं। खालिस्तान के स्वयंभू उग्रवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले और दूसरे खाड़कुओं के बड़े-बड़े चित्र प्रदर्शित किए गए और पंजाब के कुछ हिस्सों में खालिस्तान का कथित झंडा लहराने की ख़बरें आई हैं। बाकायदा बयान दिए गए हैं कि हथियारों की टे्रनिंग के लिए 'शूटिंग रेंज' बनाए जाएंगे। सवाल है कि क्या पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की भगवंत मान सरकार खालिस्तान के आंदोलन को संरक्षण दे रही है? 'आप' प्रमुख केजरीवाल पर खालिस्तान-समर्थक होने के आरोप चस्पा होते रहे हैं। नजदीकी संबंध भी बताए जाते रहे हैं। बहरहाल हम पुष्टि तो नहीं कर सकते, लेकिन जिज्ञासापूर्ण सवाल जरूर करेंगे। खालिस्तान के अलावा, लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की जघन्य हत्या का मामला है, जिसमें हत्यारों को अभी पकड़ा जाना है। कुछ धरपकड़ की गई है, जिन पर रेकी करने और हथियार तथा वाहन मुहैया कराने जैसे संगीन आरोप हैं। पंजाब में 'आप' सरकार को अभी तीन महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन 75 से अधिक हत्याएं की जा चुकी हैं। उनमें कबड्डी का राष्ट्रीय खिलाड़ी भी शामिल है।
By: divyahimachal