- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- शांति का नोबेल...
पत्रकारिता और पत्रकारों के लिए यह गौरव का क्षण है। पारंपरिक रूप से पत्रकारिता को 'नोबल प्रोफेशन' के रूप में परिभाषित किया गया है। इसी नोबेल प्रोफेशन से जुड़े दो पत्रकारों को इस साल 2021 का शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाना ऐतिहासिक घटना है। इससे यह मान्यता और पुष्ट हुई है कि लोकतंत्र के एक मजबूत स्तंभ के रूप में मीडिया और मीडियाकर्म का अलग महत्व है और समाज इसकी अनदेखी नहीं कर सकता। शांति के लिए चुनौती भरे क्षेत्र में पत्रकारों की भूमिका के प्रति यह वैश्विक सम्मान है। नोबेल के लिए चयनित दोनों पत्रकारों की पृष्ठभूमि फिलीपींस तथा रूस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति अदम्य संघर्ष की रही है। नोबेल पुरस्कारों के प्रारंभ-वर्ष 1901 से लेकर अब तक दूसरी बार किसी पत्रकार को यह सम्मान दिया गया है। 1935 में जर्मन पत्रकार कार्ल वान ओसीत्जकी को नोबेल मिला था। वैसे 1915 में भी रूसी पत्रकार-लेखिका स्वेतलाना अलेक्साई विच को साहित्यिक पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए साहित्य का नोबेल प्रदान किया गया था।