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आम आदमी पार्टी आखिरकार राजनीतिक पटल पर आ ही गई
Guest Author | सुष्मित सिन्हा
आम आदमी पार्टी आखिरकार राजनीतिक पटल पर आ ही गई, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार का गठन इस दिशा में पहला छोटा सा कदम था. पंजाब (Punjab) में पार्टी की जीत दर्शाती है कि हमने अब विभाजनकारी राजनीति का सहारा लिए बिना लोकप्रिय सार्वजनिक कल्पना पर कब्जा करना शुरू कर दिया है. पिछले कुछ वर्षों में जनता से जुड़े मुद्दों और सेवाओं के वितरण से जुड़ी बातें सार्वजनिक चर्चा से लगभग गायब हो गई हैं.
लेकिन पंजाब में आप (AAP) की जीत ने साबित कर दिया है कि लोगों के लिए, केवल वही चीजें मायने रखती हैं जो उनके जीवन को सरल बनाती हैं, चाहे वह भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा या कानून व्यवस्था हो. हमने साबित कर दिया है कि जनता के मुद्दों और विकास के नाम पर ही चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है. दिल्ली मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस का फोकस उन सभी बातों पर केंद्रित है जो लोगों के जीवन पर स्थायी तौर पर प्रभाव डालते हैं.
इन वजहों से दिल्ली में मजबूर हैं हम
महात्मा गांधी ने कहा था कि कुछ भी करने से पहले समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े आम आदमी की जरूरतों के बारे में सोचें और अगर आपको लगता है कि आपके फैसले से उन्हें फायदा होगा, तो उसे लागू करें. दिल्ली सरकार में हम जो कुछ भी करते हैं उसमें यह गाइडिंग फैक्टर रहा है. और अगर सत्ता में आए तो अन्य राज्यों और पंजाब में हम क्या करेंगे, इसका मूल आधार यही होगा. दुर्भाग्य से, दिल्ली को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है, खासकर केंद्र में सत्ताधारी पार्टी द्वारा अपनाई गई जहरीली राजनीति अक्सर हमारे हाथों को रोक देती है.
नतीजा यह होता है कि या तो हमें छोटी-छोटी लड़ाइयां लड़ने में अपनी ऊर्जा बर्बाद करनी पड़ती है या हम पीछे हटने को मजबूर हो जाते हैं. 2015 से चुनावी घोषणापत्र में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी हमारा मुख्य वादा रहा है, आखिरकार दिल्ली में नहीं बल्कि पंजाब में भी यह लागू होने जा रहा है. यह हमें कम से कम कुछ संतुष्टि देता है.
लोगों के जीवन को बेहतर और सरल बनाना
लोकतंत्र में किसी भी सरकार का उद्देश्य ऐसी सेवाएं प्रदान करना होना चाहिए जो उनके जीवन को सरल बनाएं. लोगों को राशन की दुकानों पर क्यों जाना चाहिए और आवश्यक खाद्य पदार्थों के लिए लंबी कतारों में क्यों खड़ा होना चाहिए? इसे बदलना सरकार का कर्तव्य है. पंजाब के सीएम भगवंत मान कहते हैं, 'हमें यह घोषणा करते हुए आज खुशी हो रही है कि आपकी सरकार ने बुजुर्गों और गरीबों के घरों तक सीधे राशन पहुंचाना शुरू करने का फैसला किया है. सिर्फ राशन लेने के लिए अब किसी को भी अपना काम रोकना नहीं करना पड़ेगा.' यह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पुरानी भावना को प्रतिध्वनित करता है, उन्हें इस योजना को लागू करने की तीव्र इच्छा थी.
सरकार अब एक ही डिपो के बजाय सुविधाजनक स्थानों पर बने डिपो से राशन लेने का विकल्प देगी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह पहल सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले भोजन की गारंटी देगी. पहले हमारे बुजुर्गों को राशन के लिए एक ही स्थान पर जाना पड़ता था, और अक्सर भोजन की गुणवत्ता घटिया होती थी. अरविंद केजरीवाल ने योजना को लागू करने के पंजाब सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा, 'हमने इसे दिल्ली में लागू करने की कोशिश की थी, लेकिन केंद्र ने हमें ऐसा करने से रोक दिया.
कोई भी उस विचार को नहीं रोक सकता जिसका समय आ गया है. अब पंजाब ने इस योजना को लागू कर दिया है, तो अन्य राज्य जल्द ही इसका अनुसरण करेंगे.' लोग कलेक्शन पॉइंट तक जाने के लिए परेशानी उठाने के बजाय पास के डिपो से बोरियों में निर्धारित मात्रा में गेहूं और दाल ले सकते हैं. हमें यकीन है कि सरकार अधिक से अधिक लोगों को उनके लिए आवश्यक पौष्टिक भोजन प्राप्त करने में मदद करेगी.
हमारे काम में रोड़े अटका रहा है केंद्र
हमें इस बात का अफसोस है कि जब हमने दिल्ली में सरकार बनाई तो हमें दिल्ली में राशन की डोर टू डोर स्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने की अनुमति नहीं दी गई और हम इसे मंजूरी देने के लिए केंद्र से दिन-रात गुहार लगते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने न केवल इसे जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया, बल्कि लोगों के लाभ के लिए हमने जो भी योजना लाने की कोशिश की उसमें रोड़े अटकाए. मोहल्ला क्लिनिक एक अच्छा उदाहरण है जिसे पूरे दो साल तक लागू नहीं होने दिया गया.
तब सीसीटीवी प्रोजेक्ट ठप हो गया था. हमें हर बार भिखारी की तरह लेफ्टिनेंट गवर्नर (Lieutenant Governor of Delhi) के घर जाकर इसे मंजूर कराने के लिए विरोध और अनुरोध करना पड़ा. दिल्ली के लोगों के लिए हमने यह किया और अब भी कर रहे हैं. अब पंजाब में ईश्वर ने हमें उनकी सेवा करने और बुजुर्गों और वरिष्ठ नागरिकों के चेहरे पर मुस्कान लाने का मौका दिया है और हम इसके लिए आभारी हैं.
एक छोटी सी शुरुआत
यह सिर्फ एक विनम्र शुरुआत है और पंजाब के लोग निकट भविष्य में कई और उपायों को लागू होते देखेंगे. हम उनके जीवन को सरल, बेहतर और आसान बनाने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं. दिल्ली की तरह, पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अन्य आवश्यक सेवाओं को भी समय पर तेजी से लागू किया जाए. हम ऐसी योजनाएं चलाते रहेंगे जो उनके जीवन के हर पहलू को स्पर्श करेंगी चाहे वह पानी हो, स्वास्थ्य हो, बिजली हो या कोई अन्य सरकारी सेवा हो.
पंजाब की शासन व्यवस्था में बड़े बदलाव की दरकार
पंजाब भुगत रहा है. दशकों तक यह देश का समृद्ध राज्य रहा, प्रदेश ने हरित क्रांति (Green Revolution) में अग्रणी भूमिका निभाई. हालांकि, हाल के वर्षों में यह कई अन्य राज्यों से पिछड़ गया है, विशेष रूप से अपने पड़ोसी राज्यों से. वर्तमान में पंजाब भारत में सबसे कम आर्थिक रूप से विकसित राज्यों में से एक है. इसकी वजह जानना मुश्किल नहीं है – पिछले कई दशकों से पंजाब में भ्रष्ट परिवारों का शासन रहा है, चाहे वह कांग्रेस हो या अकाली जिन्होंने कभी 'लोगों' के बारे में नहीं सोचा. यह राज्य गवर्नेंस के हर पहलू में भाई-भतीजावाद का शिकार हो गया, जबकि उसे पर कर्ज का ढेर लग गया. राज्य की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है.
जालंधर, गुरदासपुर, मंडी गोबिंदगढ़ और लुधियाना के मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स ने सालों से संघर्ष किया, डिवेलपमेंट और तालेबंदी के साथ समस्याओं से अवगत कराया. सभी तरह के उद्योग लगातार दूसरे राज्यों में स्थानांतरित हो रहे हैं और सभी सरकारों ने उन्हें वापस लाने के लिहाज से कुछ नहीं किया. यह चलता रहा और इसका परिणाम पंजाब को भुगतना पड़ रहा है. हमारी पहली कोशिश है इस ट्रेंड को रोकना और पंजाब को फिर से उच्च विकास के रास्ते पर लाना.
हालांकि, परिवर्तन की बयार बह रही है. पंजाब के लोगों ने हमें 'बदलाव' या 'परिवर्तन' के लिए चुना है. स्वतंत्र विचारों वाले नेता और अब मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब में आप सरकार सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश के लोगों को वह सब मिले जिसके वे हकदार हैं. हम सुनिश्चित करेंगे कि पंजाब के लोगों के हर वर्ग की आकांक्षाएं पूरी हों.
Rani Sahu
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