- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- मासूम पर भी 'ममता'...
करीब 14 साल की एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या पर पश्चिम बंगाल की महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सार्वजनिक बयान निंदनीय है और महिला होने के नाते शर्मनाक भी है। यह बंगाल के नादिया जिले का हादसा है। कुछ लोग इसे 'सामूहिक बलात्कार' कह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच से कहा था कि रेप हुआ या लव अफेयर के कारण लड़की गर्भवती हुई? मैं एक कपल को रिलेशनशिप में जाने से कैसे रोक सकती हूं? मुझे जो बताया गया, वह लव अफेयर था! मुख्यमंत्री बिना जांच के ही निष्कर्ष पर पहुंच गई कि वह बलात्कार नहीं, लव अफेयर था! इसी के साथ एक बार फिर ममता बनर्जी ने फतवा जारी कर दिया कि यह 'लव जेहाद' वाला उप्र नहीं है। 'लव जेहाद' के साथ ही आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगी संगठनों को भी ममता ने लपेट लिया। यह राजनीति हो सकती है और ममता के माकूल भी हो सकती है, लेकिन एक नाबालिग कन्या के साथ बलात्कार और हत्या के मुद्दे पर एक महिला मुख्यमंत्री इतनी संवेदनहीन और सरोकारहीन कैसे हो सकती है? पीडि़त बच्ची का पोस्टमॉर्टम भी नहीं कराया गया। यह भी आपराधिक हरकत है। बलात्कार बंगाल या उप्र में विभाजित नहीं है। यह एक जघन्य, मनोविकारी अपराध है। उसे कोई भी मुख्यमंत्री हल्के में नहीं ले सकता। कोलकाता उच्च न्यायालय को इस 'पाशविक कांड' की जांच सीबीआई को सौंपनी पड़ी, क्योंकि ऐसा नंगा बयान देने वाली मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की पुलिस क्या खाक जांच करती?
क्रेडिट बाय दिव्यहिमाचल