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नीतीश विधानसभा चुनाव में हार का बदला एलजेपी से हर हाल में लेकर रहेंगे.
नीतीश विधानसभा चुनाव में हार का बदला एलजेपी से हर हाल में लेकर रहेंगे.ई से सांसद चिराग पासवान को घेरने के लिए उसी इलाके के विधायक सुमित कुमार सिंह को मंत्री बना दिया. सुमित कुमार सिंह और चिराग पासवान में 36 का आंकड़ा है. ये साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दरम्यान लोगों को साफ तौर पर दिख गया था.
जब सभा में सुमित सिंह और चिराग समर्थक में हुई थी जोरदार लड़ाई
साल 2019 में सुमित कुमार सिंह और चिराग पासवान के समर्थकों के बीच जोरदार लड़ाई हुई थी. लोकसभा चुनाव प्रचार के दरम्यान नीतीश कुमार, चिराग पासवान के लिए चुनाव प्रचार करने आए थे. एलजेपी, एनडीए के प्रमुख घटक दल के रूप में चुनाव लड़ रही थी और चिराग उसके नेता थे. चिराग पासवान पर जमुई में सुमित कुमार सिंह और उनके भाई और पिता नरेन्द्र सिंह को नजरअंदाज करने का आरोप लग रहा था.
कहा ये भी जाता है कि सुमित कुमार सिंह के पिता नरेंद्र सिंह, जो कि नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके थे, लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. इस बात को लेकर चिराग और सुमित कुमार सिंह में अनबन हुई और चिराग पासवान उस समय नरेंद्र सिंह और उनके सुपुत्र सुमित कुमार सिंह को अपना विरोधी मानने लगे. तब एक दिन नीतीश कुमार की सभा में सुमित कुमार सिंह और उनके समर्थकों को चिराग द्वारा तरजीह नहीं मिलने से नाराज सुमित सिंह ने जोरदार नारेबाजी कर सभा में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी.
सुमित का कद बढ़ने से चिराग को होगी दिक्कतें
बिहार चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार पार्टी से अलग हुए कई नेताओं से मिलने का काम कर रहे हैं. माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद पार्टी को मजबूत करने के लिए नरेन्दर सिंह से लेकर उपेन्दर कुशवाहा और अरुण कुमार सिंह सरीखे नेताओं से नीतीश कुमार मिल चुके हैं.
जाहिर है नीतीश अपना जनाधार मजबूत करना चाहते हैं वहीं जमुई इलाके से निर्दलीय सुमित कुमार को मंत्री बनाकर नीतीश कुमार चिराग पासवान को घेरने के लिए उन्हें तैयार कर रहे हैं. इतना ही नहीं उस इलाके में राजपूतों में गहरी पैठ बने और तीन पुश्त से राजनीति कर रहे सुमित सिंह के परिवार को ताकत देकर जेडीयू पार्टी को मजबूत करने में लग गई है.
ज़ाहिर है लोकसभा चुनाव में जेडीयू किसी भी सूरत में चिराग को एनडीए का हिस्सा बनने नहीं देगी और ऐसे में उनके खिलाफ किसी ठोस उम्मीदवार उतारने की जरूरत पड़ी तो चिराग के खिलाफ सुमित कुमार सिंह के पिता नरेंद्र सिंह मजबूत उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारे जा सकते हैं. चिराग को बीजेपी ने पिछले दिनों एनडीए की मीटिंग का न्योता देकर भी जेडीयू के दबाव में आने से मना कर दिया था. ऐसे में ये समझा जा सकता है कि चिराग को जेडीयू सबक सिखाने का कोई भी मौका गंवाने वाली नहीं है.
Gulabi
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