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- बरसात का सुहावना
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बरसात का आगाज हो गया है और मौसम सुहावना हो गया है। इस बार हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे प्रदेश में भी भीषण गर्मी पड़ी और करोड़ों रुपए की वन संपदा जलकर राख हो गई
-नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, मंडी
बरसात का आगाज हो गया है और मौसम सुहावना हो गया है। इस बार हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे प्रदेश में भी भीषण गर्मी पड़ी और करोड़ों रुपए की वन संपदा जलकर राख हो गई। लेकिन वर्षा जल से जंगलों की आग शांत हो गई। जल सभी प्राणियों के लिए बहुत अधिक अमूल्य है।
इसकी बर्बादी करना हमारे लिए बहुत हानिकारक होगा। हमें जल संग्रहण करना चाहिए। इसके लिए हमें टैंक बनाकर बरसात के जल को संग्रहित करना चाहिए ताकि बरसात के बाद हम इसका प्रयोग कर सकें। वैसे भी बहुत से पुराने जल स्रोत सूख चुके हैं। यदि हम जल के महत्त्व को समझेंगे और जल संग्रहण करेंगे तो भूमि का जलस्तर बढ़ जाएगा और पुराने जल स्रोत पुनर्जीवित हो जाएंगे। हमें जल की बर्बादी को आज से ही रोकना होगा, अन्यथा आने वाले समय में जल संकट उत्पन्न हो जाएगा।
सोर्स- divyahimachal
Rani Sahu
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