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नेशनल हेराल्ड से जुड़ा मामला गंभीर होता दिख रहा है। पहले कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं से पूछताछ हुई और अब ईडी ने नेशनल हेराल्ड के दफ्तरों पर छापेमारी की है। मनी लॉ्ड्रिरंग केस की जांच कर रहे ईडी ने कांग्रेस समर्थित अखबार नेशनल हेराल्ड के दफ्तरों पर जो छापेमारी की है, उसके बड़े गहरे निहितार्थ हैं। प्रश्न है, क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ में एजेंसी को ऐसा कुछ पता चला है, जिसकी वजह से नेशनल हेराल्ड पर छापा मारने की नौबत आई? किसी अखबार के कार्यालय पर छापा मारने की नौबत आना अपने आप में बड़ी चिंता की बात है। ईडी को बहुत फूंक-फूंककर कदम रखना चाहिए। यह इतना बड़ा मामला बन गया है और इसमें इतने बडे़ नेताओं के नाम शामिल हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी होना ज्यादा जरूरी है। जांच अंजाम तक पहुंचे, तभी ईडी की कार्रवाई का औचित्य साबित होगा। खास यह है कि ईडी अर्थात प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने नेशनल हेराल्ड के दफ्तर सहित 12 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की है। यह कोई मामूली कार्रवाई नहीं है, इसका असर न केवल कांग्रेस पार्टी, बल्कि देश की अन्य राजनीतिक पार्टियों और संसद के भीतर भी देखने को मिल सकता है।
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