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देश की सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक की मांग वाली याचिका पर कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है। याचिका लगाने वालों को बड़ी उम्मीद थी कि अदालत का फैसला बुलडोजर के खिलाफ आएगा, लेकिन ऐसा लगता है, उनके द्वारा पेश किए गए तथ्य अकाट्य नहीं थे। अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए 8 अगस्त तक का समय दिया है और सुनवाई 10 अगस्त को होगी। हालांकि, बुधवार की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बीआर गवई और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने साफ कह दिया, 'नियम का पालन होना चाहिए। इसमें कोई विवाद नहीं है। यदि स्थानीय निकाय के नियमों के मुताबिक निर्माण अवैध है, तो फिर हम कैसे उसे गिराने से रोकने के लिए आदेश दे सकते हैं।' मतलब यह कि बुलडोजर कार्रवाई करने से पहले सरकारों को नियम-कायदे देख लेने चाहिए, क्योंकि जब एक-एक घर तोड़ने के खिलाफ मुकदमे चलेंगे, तब बुलडोजर इस्तेमाल को भी परखा जाएगा। स्थानीय निकायों को पूरी तैयारी रखनी पड़ेगी कि आगे चलकर सरकार की किरकिरी न हो।