सम्पादकीय

न्यूजीलैंड टेस्ट चैंपियन

Triveni
25 Jun 2021 5:21 AM GMT
न्यूजीलैंड टेस्ट चैंपियन
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न्यूजीलैंड ने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का पहला खिताब जीता है।

न्यूजीलैंड ने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का पहला खिताब जीता है। वह भी उस भारतीय टीम को हराकर, जो हाल-फिलहाल दुनिया में नंबर वन कही जा रही थी। इस मुकाबले की शुरुआत से पहले ही एक शिगूफा छोड़ा गया था, बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल का। मुकाबला खत्म हुआ, तो कप्तान विराट कोहली ने फिर वही बात दोहराई। भारतीय कप्तान की मानें तो एक अदद फाइनल से टेस्ट की बेस्ट टीम का पता लगाना संभव नहीं। तीन मैचों की श्रृंखला होनी चाहिए। एक बार मान भी लें कि विराट सही कह रहे हैं, तो भी मैच हारने के बाद ऐसी बात कहने का कोई तुक नहीं बनता। इसे बहाना ही माना जाएगा। वैसे, वनडे में तीन टीमों के टूर्नामेंट में बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल होते रहे हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में इसे आजमाया जाना बाकी है। इससे पहले भी जब दो बार टेस्ट चैंपियनशिप हुई, एक बार 1912 में और फिर एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप, तो बेस्ट ऑफ थ्री जैसी चीज नहीं आजमाई गई। आईसीसी के अन्य इवेंट में भी एक ही फाइनल होता है। अब अगर टेस्ट चैंपियनशिप में तीन मैचों के फाइनल का प्रयोग किया भी जाए, तो क्या उसके लिए समय निकल पाएगा? तीन मैचों का मतलब हुआ खेल के 15 दिन, इनके बीच का गैप और कोरोना काल में बनने वाला बायोसिक्योर बबल। यह पूरी सीरीज करीब एक महीने की होगी। क्या कोई टीम आईसीसी इवेंट के लिए इतना समय निकाल सकती है?

हमें यह भी देखना होगा कि इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल ने हाल में अपना जो प्रोग्राम जारी किया, वह पहले ही बहुत व्यस्तता भरा है। 2024 से 2031 के बीच चार टेस्ट चैंपियनशिप, चार टी-20 विश्व कप, दो चैंपियंस ट्रोफी और दो वनडे विश्व कप होने हैं। टेस्ट खेलने वाले देशों को इन आयोजनों के साथ ही अपना फ्यूचर टूर प्रोग्राम भी तय करना है। इन्हीं के बीच घरेलू टी-20 लीग करानी हैं। ऐसे में शायद ही कोई टीम आईसीसी के लिए अलग से एक महीने का समय निकाल पाए। खुद टीम इंडिया के लिए ऐसा करना मुश्किल होगा। फिर फाइनल तो केवल दो टीमों के बीच खेला जाएगा, जिसका फैसला आखिरी सीरीज तक खिंच सकता है, जैसे कि इस बार पूरा दारोमदार भारत-इंग्लैंड सीरीज पर आ टिका था। ऐसी सूरत में अंतिम समय तक टीमों को पता नहीं रहेगा कि फाइनल कौन खेलने जा रहा है और जब पता चल जाएगा तो उन दो टीमों के अलावा बाकी देशों को अपने उस एक महीने के समय की भरपाई करनी होगी। वह भरपाई कैसे होगी? क्या आनन-फानन कोई दूसरी सीरीज कराई जाएगी? इतने सारे सवालों में उलझने से बेहतर है कि भारतीय टीम पूरा ध्यान खेल पर लगाए। आखिर खेल में गलतियां सुधारने के मौके बार-बार मिलते हैं।


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