सम्पादकीय

पर्यटन सेक्टर का नया दौर

Rani Sahu
24 April 2023 2:49 PM GMT
पर्यटन सेक्टर का नया दौर
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इस समय भारत का घरेलू और वैश्विक पर्यटन उद्योग कोविड-19 के निराशाजनक पर्यटन परिदृश्य से पार होते हुए अब तेजी से छलांगे लगाकर आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है। इंडिया टूरिज्म स्टैटिस्टिक्स 2022 रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक यात्रा और वैश्विक पर्यटन सूचकांक में भारत की रैंकिंग 2021 में 54वीं रही। कोविड-19 महमारी और प्रतिबंधों की वजह से भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 2021 में 44.5 फीसदी की गिरावट आई। वर्ष 2020 में 2.74 मिलियन विदेशी पर्यटकों ने भारत की यात्रा की। वहीं 2021 में यह संख्या घटकर 1.52 मिलियन रही। अब वर्ष 2022 से विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढऩे लगी है। वर्ष 2022 में करीब 6.9 मिलियन विदेशी पर्यटक भारत आए। भारत में 2021 में 677.63 मिलियन लोगों ने घरेलू पर्यटन यात्राएं की, जो कि 2020 में 610.22 मिलियन से 11.05 फीसदी अधिक है। खास बात यह भी है कि दुनियाभर के समस्त पर्यटकों में से करीब 1.64 फीसदी विदेशी पर्यटक भारत आते हैं। अब जिस तरह से देश में घरेलू और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा उच्च प्राथमिकता दी जा रही है, उससे भारत में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या और इनसे प्राप्त होने वाली कमाई तेजी से बढऩे की संभावनाएं उभरकर दिखाई दे रही हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 2 मार्च को ‘मिशन मोड में पर्यटन का विकास’ विषय पर बजट के बाद आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए समग्र पैकेज के रूप में विकसित करने के लिए 50 नए पर्यटन स्थलों संबंधी घोषणा से पर्यटन सेक्टर के बढऩे की गति और तेज होने की संभावना है। पर्यटन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2023-24 के केंद्रीय बजट में 1742 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब यह मिथक टूट गया है कि पर्यटन एक आकर्षक (फैंसी) शब्द है जो केवल देश के उच्च आय वाले समूहों से ही जुड़ा हुआ है। हमारे गांव पर्यटन के केंद्र बन रहे हैं और बुनियादी ढांचे में सुधार के कारण दूर-सुदूर के गांव अब पर्यटन मानचित्र पर आ रहे हैं। केंद्र सरकार ने सीमा के पास स्थित गांवों के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ शुरू की है और गांवों के अनुकूल होमस्टे, छोटे होटल और रेस्तरां जैसे व्यवसायों को सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। वस्तुत: सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होने से पर्यटकों के बीच पर्यटन के लिए आकर्षण में वृद्धि हुई है। साथ ही बढ़ते हुए देशी-विदेशी पर्यटकों से बढ़ता हुआ राजस्व तथा पर्यटन से बढ़ता रोजगार आर्थिक-सामाजिक तस्वीर को संवार रहे हैं।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम मंदिर के पुनर्निर्माण से पहले यहां एक साल में लगभग 80 लाख लोग आते थे, लेकिन नवीनीकरण के बाद यहां पिछले साल वर्ष 2022 में पर्यटकों की संख्या 7 करोड़ से अधिक हुई है। केदारघाटी में पुनर्निर्माण का कार्य पूरा होने से पहले यहां आने वाले केवल 4.5 लाख तीर्थयात्रियों की तुलना में पिछले साल 15 लाख श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन करने आए हैं। इसी तरह का आगमन गुजरात के पावागढ़ में हुआ है। जीर्णोद्धार से पहले केवल 4 से 5 हजार लोगों के आगमन की तुलना में पिछले साल 80 हजार तीर्थयात्री मां कालिका के दर्शन के लिए आए। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण पूरा होने के एक साल के भीतर 27 लाख पर्यटकों ने यहां की यात्रा की है। नि:संदेह जैसे-जैसे भारत के पर्यटन स्थलों का विकास हो रहा है और इसकी जानकारी दुनिया को हो रही है, वैसे-वैसे भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। पिछले साल 2022 में जनवरी में आए केवल 2 लाख पर्यटकों की तुलना में इस साल 2023 में जनवरी में 8 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए हैं। भारत आने वाले विदेशी पर्यटक औसतन रूप से 1700 डॉलर खर्च करते हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय यात्री अमेरिका में औसतन 2500 डॉलर और ऑस्ट्रेलिया में लगभग 5000 डॉलर खर्च करते हैं। भारत के पास अधिक खर्च करने वाले पर्यटकों को देने के लिए बहुत कुछ है। ऐसे में प्रत्येक राज्य को इस विचार के अनुरूप अपनी पर्यटन नीति में परिवर्तन करने की जरूरत है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि भारत के कई ऐसे चमकीले बिंदु हैं, जो देश में टूरिज्म के विभिन्न आयामों को आगे बढ़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं। भारत जैसे विविधता वाले देश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां की संस्कृति, संगीत, हस्तकला, खानपान से लेकर नैसर्गिक सुंदरता हमेशा से देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती रही हैं। देश में तरह-तरह के विभिन्न पर्यटन तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इनमें तटीय पर्यटन, समुद्र तट पर्यटन, हिमालय पर्यटन, साहसिक पर्यटन, वन्यजीव पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन, विरासत पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन, विवाह स्थल पर्यटन, खेल पर्यटन, रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, कृष्णा सर्किट, गांधी सर्किट पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत पर्यटन, जिओ-हेरिटेज पर्यटन, योग, आयुर्वेद एवं चिकित्सा पर्यटन आदि प्रमुख हैं। नि:संदेह इस समय भारत में पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निर्धारित तरीके से हटकर सोचने और आगे की योजना बनाने की आवश्यकता है। नागरिक सुविधाओं, अच्छी डिजिटल कनेक्टिविटी, अच्छे होटल और अस्पतालों, गंदगी का कोई निशान नहीं होने और उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे के साथ भारत का पर्यटन क्षेत्र कई गुना बढ़ सकता है। नए बजट के तहत 50 ऐसे पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाना होगा, जहां दुनिया का हर पर्यटक भारत की यात्रा पर आने के लिए बाध्य हो जाए।
संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध सभी भाषाओं में भारतीय पर्यटन स्थलों के लिए ऐप भी विकसित किया जाना होगा। सचमुच ऐसी रणनीतियों से पर्यटन सेक्टर को भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बनाया जा सकेगा। यह बात महत्वपूर्ण है कि इस समय जब वर्ष 2023 में भारत के द्वारा जी-20 की अध्यक्षता की जा रही है तथा जनवरी 2023 से जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के साथ दुनिया के विभिन्न देशों के अतिथि भी भारत में जी-20 की कार्य समूह की बैठकों में सहभागिता के साथ जिस तरह विभिन्न प्रदेशों में स्थित पर्यटन स्थलों में रुचि दिखा रहे हैं, उससे दुनिया में भारत के पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा। हम उम्मीद कर सकते हैं कि भारत का टूरिज्म सेक्टर वर्ष 2030 तक 250 अरब डॉलर तक की आमदनी प्राप्त करते हुए दिखाई देगा। साथ ही दुनिया के अधिक देशों से अधिक विदेशी पर्यटकों को भारत में पर्यटन के लिए आकर्षित किया जा सकेगा। हम उम्मीद करें कि भारत सरकार ने समावेशी विकास के माध्यम से 2030 तक पर्यटन उद्योग के जरिये 56 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा अर्जित करने और लगभग 14 करोड़ नौकरियां सृजित करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, वह साकार होते हुए दिखाई देगा। साथ ही हम उम्मीद करें कि पर्यटन सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बनते हुए दिखाई देगा और सरकार ने स्वतंत्रता के 100वें साल वर्ष 2047 तक भारत को एक लाख करोड़ डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने का जो लक्ष्य रखा है, वह मु_ियों में आते हुए दिखाई देगा। पर्यटन विकास की तस्वीर उज्ज्वल लगती है।
डा. जयंती लाल भंडारी
विख्यात अर्थशास्त्री
By: divyahimachal
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