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- अमरीका से कारोबार का...

हाल ही में 14 अक्तूबर को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अमरीका की अपनी यात्रा के दौरान अमरीका के उद्योग-कारोबार जगत से जुड़े हुए कई सीईओ से वार्ता के बाद अमरीका से कारोबार की नई संभावनाएं रेखांकित की हैं। गौरतलब है कि 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की व्हाइट हाउस में बहुप्रतीक्षित पहली द्विपक्षीय वार्ता में जहां मोदी ने कहा कि इस दशक में भारत-अमरीका के संबंधों में कारोबार की अहम भूमिका होगी। वहीं, बाइडेन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध पारिवारिक हैं। भारतीय मूल के 40 लाख लोग अमरीका में हैं, जो अमरीका को रोज अधिक मजबूत बना रहे हैं। अब हमने दोनों देशों के संबंधों का नया अध्याय शुरू कर दिया है। निःसंदेह 24 सितंबर को राष्ट्रपति जो बाइडेन और एक दिन पहले 23 सितंबर को उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और अमरीका की प्रभावी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात में भारत और अमरीका के बीच आर्थिक और कारोबारी संबंधों को ऊंचाई दिए जाने का नया उत्साहवर्द्धक परिदृश्य सामने आया है। उल्लेखनीय है कि जिस तरह अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन की मेजबानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों स्काट मारिसन व योशिहिदे सुगा के साथ क्वाड देशों की प्रभावी बैठक में हिस्सा लिया, उससे चारों देशों का यह समूह न केवल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की महत्त्वाकांक्षाओं पर नकेल कस सकेगा, वरन् आपसी कारोबार को भी ऊंचाई दे सकेगा। यह बात भी महत्त्वपूर्ण है कि जिस तरह राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत और अमरीका को एक परिवार के रूप में रेखांकित किया, उससे पूरी दुनिया के विभिन्न देश भारत के साथ आर्थिक-कारोबारी रिश्तों के लिए नए कदम आगे बढ़ाते हुए भी दिखाई दे सकेंगे। निःसंदेह अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहा जाना महत्त्वपूर्ण है कि नए आर्थिक विश्व में अमरीका और भारत दोनों एक-दूसरे की जरूरत बन गए हैं। भारत एक मजबूत आर्थिक ताकत और बड़े वैश्विक बाजार के रूप में उभर रहा है और अमरीका एक ऐसा बाजार खोज रहा है, जो उसके लोगों को रोजगार दिला सके। अमरीका भारत के लिए निवेश और तकनीक का महत्त्वपूर्ण स्रोत होने के साथ ही एक महत्त्वपूर्ण कारोबारी साझेदार भी है।
