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- ऊर्जा सुरक्षा की दिशा...
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि यदि पूर्व की सरकारें भारत की ऊर्जा आयात निर्भरता को कम करने पर ध्यान केंद्रित करतीं, तो मध्यवर्ग पर यह बोझ नहीं पड़ता। उन्होंने ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों की जरूरत पर भी जोर दिया। ऊर्जा आपूर्ति का विस्तार और विविधीकरण अच्छा है, पर यदि भारत को अपनी ऊर्जा आयात निर्भरता कम करनी है, तो उसे पहले पेट्रोलियम उत्पादों की मांग का प्रबंधन करना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अधीन यूपीए-2 ने यात्री वाहनों के लिए ईंधन-दक्षता मानक तैयार किए, जो अब प्रभावी हैं। इसने राष्ट्रीय विद्युत गतिशीलता मिशन योजना (एनईएमएमपी) का भी गठन किया। बेहतर इरादे के बावजूद ये दोनों क्रियाएं महत्वाकांक्षा की दृष्टि से कमतर हो गईं। यात्री कारों के लिए भारत के 2022 ईंधन दक्षता मानक यूरोपीय संघ के मानकों की तुलना में कम कठोर हैं। एनईएमएमपी मुख्य रूप से हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों पर केंद्रित था, और इसके तहत अधिकांश प्रोत्साहन इलेक्ट्रिक वाहनों के बजाय हाइब्रिड वाहनों को मिला।