सम्पादकीय

दुनिया को राह दिखाता नया भारत

Rani Sahu
29 May 2022 7:10 PM GMT
दुनिया को राह दिखाता नया भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राजग सरकार ने केंद्र में अपने आठ वर्ष पूरे कर लिए हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राजग सरकार ने केंद्र में अपने आठ वर्ष पूरे कर लिए हैं। आठ वर्षों के इस शासन को मैं नए भारत के निर्माण की यात्रा के रूप में देखता हूं। यहां प्रश्न उठता है कि यह नया भारत क्या है? नए भारत का अर्थ एक सशक्त, सक्षम, समर्थ और आत्मनिर्भरता की भावना युक्त भारत है और सुखद है कि पिछले आठ वर्षों में इस भारत की आधारशिला रखने का काम हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है। इस दौरान देश के समक्ष कोविड संकट सहित अनेक बाधाएं और चुनौतियां आईं लेकिन मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश ने मजबूती से उनका सामना किया और नए भारत के निर्माण की यात्रा सतत जारी रही है। इसमें कोई संदेह नहीं कि कोविड महामारी ने पूरी दुनिया के आर्थिक परिदृश्य को बुरी तरह से प्रभावित किया है। दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अब भी कोविड के दुष्प्रभावों से उबरने के लिए संघर्ष कर रही हैं। कोविड का प्रभाव तो भारत में भी रहा, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों-निर्णयों के फलस्वरूप हमारी अर्थव्यवस्था को यह अधिक प्रभावित नहीं कर पाया। जब दुनिया के बड़े-बड़े देश कोविड के समक्ष घुटने टेक चुके थे, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 'आत्मनिर्भर भारत' का आह्वान करते हुए यह स्पष्ट किया कि यदि संकल्प दृढ़ हो तो आपदा को भी अवसर में बदला जा सकता है। आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा से जहां हताश हो रहे भारतीय जनमानस में आशा का संचार हुआ, वहीं इसके तहत घोषित बीस लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज ने भारतीय अर्थव्यवस्था में एक नई जान फूंकने का काम किया। सरकार के इन सब प्रयासों का ही परिणाम है कि कोविड संकट को झेलने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था आज भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। भारत आज देश की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 'ईज ऑफ डूइंग बिसनेस' सूचकांक में 2015 के 142वें स्थान से 63वें स्थान पर आ गया है। भारत दुनिया का इन्वेस्ट डेस्टिनेशन बन गया है। आज प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता की राह पकड़कर चलता हुआ भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद जनधन योजना के माध्यम से करोड़ों गरीबों के बैंक खाते खुलवाकर उन्हें देश के अर्थतंत्र में शामिल करते हुए मोदी जी ने यह जाहिर कर दिया था कि यह सरकार समावेशी विकास के मॉडल को लेकर आगे बढ़ने वाली है।

मोदी सरकार के शासन का मूल मंत्र 'सबका साथ सबका विकास' दर्शाता है कि यह विकास के एक सर्वस्पर्शी एवं सर्वसमावेशी मॉडल को लेकर बढ़ रही है, जिसका उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाते हुए उसके जीवनस्तर को ऊपर उठाना है। उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, मुद्रा, पीएम किसान-मान निधि, स्वच्छ भारत, सौभाग्य, आवास, डीबीटी इत्यादि योजनाओं के माध्यम से देश के गरीबों का न सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण, बल्कि उन्हें सम्मान से जीने का अवसर देने का सफल प्रयास मोदी सरकार ने किया है। पहले की सरकारों में भी योजनाएं बनती थीं, लेकिन योजनाओं का स्केल और उनके क्रियान्वयन की गति मोदी सरकार की विशेषता रही है। अब योजनाओं को संख्या की सीमा में बांधे बिना सभी के लिए बनाया जाता है। पिछले आठ वर्षों में स्वतंत्रता के बाद पहली बार गरीब और पिछड़े देश की सरकार में हितधारक (स्टेकहोल्डर) बने और वह देश की अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जुड़े हैं। मोदी सरकार के शासन में राष्ट्रीय सुरक्षा को भी अभूतपूर्व मजबूती मिली है। आतंकवाद के प्रति यह सरकार जीरो टोलरेंस का रुख रखते हुए बढ़ रही है। अब आतंकी हमलों पर कांग्रेस सरकारों की तरह केवल निंदा-भर्त्सना करके कर्त्तव्यों की इतिश्री नहीं की जाती, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के द्वारा आतंकियों को उनके घर में घुसकर मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। यह परिवर्तन देश के नेतृत्व की मजबूती के कारण ही संभव हुआ है। कांग्रेस सरकारों के समय अक्सर ऐसा भी सुनने को मिलता था कि भारतीय सेना के पास गोली-बारूद की कमी हो गई है। लेकिन अब गोली-बारूद ही नहीं, देश की सेना को सभी अत्याधुनिक संसाधनों एवं उपकरणों से युक्त रखने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। आज देश के आसमान की हिफाजत राफेल जैसा अत्याधुनिक लड़ाकू विमान कर रहा है, तो वहीं एस-400 जैसी सर्वश्रेष्ठ मिसाइल रक्षा प्रणाली भी देश का कवच बनकर तैनात हो चुकी है। रक्षा सामग्री के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने वाले भारत ने 2019 में रक्षा उत्पादों का 10 हजार करोड़ का निर्यात किया और 2025 तक इसके 35 हज़ार करोड़ करने का लक्ष्य है। यह सब चीजें इसलिए संभव हुई हैं क्योंकि मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा राजनीति का नहीं, राष्ट्रहित का विषय है।
हमारी सरकार इससे कोई समझौता नहीं कर सकती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अब तक के कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर तो देश को सुदृढ़ किया ही है, विश्व पटल पर भारत के गौरव को बढ़ाने का भी काम किया है। जलवायु संकट पर दुनिया को राह दिखाना हो या कोविड के विरुद्ध भारत की लड़ाई का विश्व के लिए मिसाल बनना हो, इन सब बातों ने विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के किसी भी देश या किसी वैश्विक मंच पर जाते हैं, तो उनके वक्तव्यों में प्रायः भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भरपूर जिक्र होता है। अपने वक्तव्यों के माध्यम से वे विश्व को भारत के प्रति एक नई दृष्टि देते हैं। अब भारत विषय की किसी महाशक्ति के सामने झुके बिना देश के हित में अपना मत स्वतंत्रतापूर्वक रखता है। आज मोदी जी को संयुक्त राष्ट्र सहित विश्व के अनेक देश सम्मानित कर चुके हैं, यह भी विश्व में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का ही द्योतक है। पिछले आठ वर्षों में भारत की महान संस्कृति और परंपराओं को न सिर्फ देश में पुनर्स्थापित किया गया है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारतीय संस्कृति को वैश्विक सम्मान भी मिला है। भारत के योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलना इसका एक उदाहरण है। मोदी जी देशहित में बड़े और कड़े निर्णय यदि लेते हैं, तो इसका एक प्रमुख कारण उनके प्रति जनता का अपार विश्वास है। आज मोदी जी के नेतृत्व पर जनता का ऐसा विश्वास है कि लोग उनके निर्णयों को स्वयं आगे बढ़ाने में लग जाते हैं। स्वच्छ भारत अभियान का आह्वान हो, गैस सबसिडी छोड़ने की अपील हो, नोटबंदी का निर्णय हो या कोविड के दौरान लॉकडाउन की घोषणा, इन सभी मामलों में मोदी जी के आह्वान पर जनता ने जिस तरह से सरकार का सहयोग किया, वो मोदी जी के प्रति लोगों के विराट विश्वास को ही दर्शाता है।

-विशेष प्रतिनिधि

सोर्स-divyahimachal


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