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- पूर्वोत्तर में नई...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मध्यस्थता के कारण असम और मेघालय के बीच करीब पांच दशक पुराने सीमा विवाद को खत्म करने को लेकर बनी सहमति एक बड़ी कामयाबी है। यकीनन, इससे भारतीय संघ-राज्य की परिकल्पना और मजबूत हुई है। संघीय ढांचे में दो राज्यों या दो प्रशासनिक इकाइयों के बीच भौगोलिक सीमाओं या संसाधनों के बंटवारे को लेकर मतभेद एक सामान्य बात है। ऐसे किसी विवाद में आदर्श स्थिति तो यही है कि संबंधित सूबों के मुख्यमंत्री या प्रशासक भारतीय संविधान की भावना का आदर करते हुए आपसी समझ-बूझ से इसे दूर कर लें, क्योंकि सभी प्रदेशों में बसने वाले लोग अंतत: अखंड भारत के ही नागरिक हैं और किसी के हितों की अनदेखी उचित नहीं है। पर अमूमन ऐसा होता नहीं है, मुद्दे उलझते जाते हैं और फिर वे केंद्र के पास या अदालत की शरण में पहुंच जाते हैं। कई बार तो ये हिंसक मोड़ भी ले लेते हैं, जैसा कि असम और मेघालय के मामले में पिछली जुलाई में हुआ था। तब दोनों सूबों के सुरक्षाबलों की झड़प में असम पुलिस के कई जवानों की जान चली गई थी और केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान