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- संघ के नए सरकार्यवाह
हिन्दुत्व इस राष्ट्र के प्राण हैं, हिन्दुत्व इस राष्ट्र की आत्मा है, हिन्दुत्व एक सम्पूर्ण जीवनवृति है, हिन्दुत्व आध्यात्मिक की चरम उपलब्धि है...वर्षों से हिन्दुत्व को संघ के कट्टरवाद का प्रतीक बताया जाता रहा.वर्षों से हिन्दुत्व को संघ के कट्टरवाद का प्रतीक बताया जाता रहा। संघ पर प्रतिबंध भी लगते रहे लेकिन हटाये भी जाते रहे। संघ अपनी विचारधारा पर अडिग रहा। आजादी के 75वें वर्ष तक आते-आते भारतीयों ने हिन्दुत्व को समझा और उनकी संघ के प्रति जिज्ञासा बढ़ी। अब नए भारत में राष्ट्रवाद की लहर चल रही है। आजादी के 75वें वर्ष में वसुदैव कुटुम्बकम यानि दुनिया एक परिवार है के भारतीय दर्शन को और मजबूत करने की जरूरत है। यह काम राष्ट्रीय स्वयं संघ का रहा है। राष्ट्र प्रेम की अवधारणा भी हिन्दुत्व की ही देन है। जिस हिन्दुत्व को कभी समूची दुनिया में स्वामी विवेकानंद ने स्थापित किया और कभी अपने ही राष्ट्र में पाखंडियों के विरोध में महर्षि दयानंद ने पाखंड खंडिनी पताका लहरा कर हिन्दुत्व का मार्ग प्रशस्त किया। आज आर्याव्रत जाग उठा है और उसने महसूस किया कि हिन्दुत्व ही राष्ट्र की जान है।