सम्पादकीय

संकट का नया मोर्चा

Gulabi
25 Nov 2021 4:45 AM GMT
संकट का नया मोर्चा
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भारत का एक अन्य कारोबारी क्षेत्र संकट का मोर्चा बन रहा है
जियो मार्ट ने जहां कारोबार शुरू कर दिया है, वहां से मिल रही खबरें एक बड़ा संकट पैदा होने का संकेत दे रही हैँ। अब किसानों की ही तरह खुदरा कारोबारी भी राजनीतिक आंदोलन की राह पकड़ेंगे या नहीं, इस बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है। फिलहाल, वे गुस्सा जियो मार्ट से जुड़े कर्मियों पर उतार रहे हैँ।
भारत का एक अन्य कारोबारी क्षेत्र संकट का मोर्चा बन रहा है। ये क्षेत्र है रिटेल कारोबार। खुदरा कारोबारियों की मुसीबत रिलायंस ग्रुप का जियो मार्ट बन रहा है। जियो मार्ट ने जहां कारोबार शुरू कर दिया है, वहां से मिल रही खबरें एक बड़ा संकट पैदा होने का संकेत दे रही हैँ। अब किसानों की ही तरह खुदरा कारोबारी भी राजनीतिक आंदोलन की राह पकड़ेंगे या नहीं, इस बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है। फिलहाल, संकेत हैं कि वे अपना गुस्सा जियो मार्ट से जुड़े कर्मचारियों पर उतार रहे हैँ। देश ऐसी हजारों छोटी-छोटी जगहें हैं, जहां के छोटे-छोटे किराना दुकानदार अब थोक में सामान खरीदने के लिए जियोमार्ट के पास जा रहे हैं। ये छोटे किराना दुकानदार भारत के 900 अरब डॉलर के रीटेल बाजार के ज्यादातर हिस्से के मालिक हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट में कहा है कि मुकेश अंबानी ने जिस तरह जियो के जरिए टेलीकॉम उद्योग को उथल-पुथल मचा दिया था, कुछ वैसा ही काम अब रीटेल सेक्टर में हो रहा है।
भारत में लगभग छह लाख गांव हैं। इनमें थोक सप्लाई के लिए लगभग साढ़े चार लाख डिस्ट्रीब्यूटर हैं। अब तक ये थोक व्यापारी 3-5 फीसदी के मार्जिन पर किराना दुकानदारों को सामान बेचते रहे हैं। यह व्यापार व्यक्तिगत रूप से होता है। यानी किराना दुकानदार या खुद सामान ले जाते हैं या फिर व्यापारी उनके यहां सामान पहुंचा देते हैं। लेकिन रिलायंस का मॉडल इस व्यवस्था में उथल-पुथल मचा रहा है। जियोमार्ट ऐप पर किराना दुकानदार अपनी दुकान से ही ऑर्डर करते हैं और उन्हें 24 घंटे में डिलीवरी मिल जाती है। रिलायंस दुकानदारों को ट्रेनिंग भी देता है कि कैसे ऑर्डर करना है। इसके अलावा उधार और मुफ्त सैंपल जैसी सुविधाएं भी हैं। इस रिपोर्ट में कई प्रभावित लोगों ने बताया कि ऐप आने के बाद उनका काम 20-25 प्रतिशत तक कम हो गया है। इसके चलते बड़ी संख्या में लोगों को उन्हें नौकरी से निकालना पड़ा है। वाहन तक बेचने पड़े हैं। इस कारण कई जगहों हिंसक घटनाएं हुई हैं। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कई जगहों पर जियोमार्ट की गाड़ियों का रास्ता रोका गया। ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन में चार लाख एजेंट सदस्य हैं। इस संघ ने कहा है कि गुरिल्ला तकनीक अपनाएगा। लेकिन उसका रिलायंस पर इसका असर नहीं हो रहा है। होने की संभावना भी नहीं है।
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