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- यूएई के साथ एफटीए का...
18 फरवरी को भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के द्वारा मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एफटीए को समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीपा) नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायद के बीच एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के आर्थिक मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अलमरी ने एफटीए पर हस्ताक्षर किए । इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच एफटीए द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के नए युग की शुरुआत करेगा। गौरतलब है कि इस व्यापार समझौते से भारत और यूएई के बीच वस्तुओं का कारोबार 5 साल में दोगुना बढ़ाकर 100 अरब डॉलर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जोकि इस समय करीब 60 अरब डॉलर है। इस समय यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और अमेरिका के बाद दूसरा बड़ा निर्यात केंद्र है। यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहा है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस एफटीए के तहत दोनों देश मई 2022 से विभिन्न क्षेत्रों की निर्धारित वस्तुओं को शुल्क मुक्त और रियायती शुल्क पर पहुंच की अनुमति देंगे। भारत के द्वारा यूएई को कपड़ा, आभूषण, फार्मा उत्पाद, मेडिकल उपकरण, फुटवियर, चमड़े के उत्पाद, हस्तशिल्प व खेलकूद के सामान, कीमती रत्न, मिनरल्स, खाद्य वस्तुएं जैसे मोटे अनाज, चीनी, फल और सब्जियां, चाय, मांस और समुद्री खाद्य, इंजीनियरिंग और मशीनरी, रसायन जैसे उत्पाद निर्धारित रियायतों पर भेजे जा सकेंगे।