सम्पादकीय

वायरस की नई चुनौती: ब्रिटेन में फैले कोरोना वायरस के नए रूप से पूरी दुनिया में मचा हड़कंप, भारत ने रोकी उड़ानें

Neha Dani
22 Dec 2020 1:57 AM GMT
वायरस की नई चुनौती: ब्रिटेन में फैले कोरोना वायरस के नए रूप से पूरी दुनिया में मचा हड़कंप, भारत ने रोकी उड़ानें
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ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक अलग रूप ने जिस तेजी के साथ लोगों को संक्रमित करना शुरू किया |

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक अलग रूप ने जिस तेजी के साथ लोगों को संक्रमित करना शुरू किया उसके चलते वहां हड़कंप मचना और उसका असर दुनिया भर में नजर आना स्वाभाविक है। ब्रिटेन में फैले कोरोना वायरस के इस नए रूप से चिंता इसलिए और अधिक बढ़ गई है, क्योंकि फिलहाल उसकी रोकथाम का कोई उपाय नहीं दिख रहा है। इस पर आश्चर्य नहीं कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक नए रूप के सक्रिय होने की सूचना मिलते ही एक के बाद एक देशों ने वहां के लिए अपनी उड़ानें रोक दीं। भारत सरकार ने भी ऐसा ही फैसला लिया। वर्तमान परिस्थितियों में यह बिल्कुल सही फैसला है। उचित तो यह होगा कि बीते कुछ दिनों में ब्रिटेन से आए लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी की जाए। इसके अतिरिक्त डेनमार्क, नीदरलैंड आदि यूरोपीय देशों से आने वालों की सेहत का भी गहन परीक्षण किया जाए, क्योंकि माना जा रहा है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के जिस नए रूप ने सिर उठा लिया है वह इन देशों में भी पहुंच गया है।

वास्तव में भारत को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। इस क्रम में यह भी होना चाहिए कि बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के यात्रा विवरण को अच्छी तरह खंगाला जाए, क्योंकि यह संभव है कि वह कुछ दिन पहले ब्रिटेन गया हो। ऐसी सतर्कता इसके बावजूद बरती जानी चाहिए कि अभी यह पता नहीं कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस का जो बदला हुआ रूप दिखा है वह कितना घातक है। फिलहाल तो यही अपने आप में बर्ड़ी ंचता की बात है कि यह कहीं अधिक तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है और इसके बारे में कुछ पता नहीं कि उस पर वैक्सीन असर करेगी या नहीं? ब्रिटेन से सबक लेते हुए भारत के स्वास्थ्य तंत्र को इसके लिए चौकस रहना चाहिए कि देश के किसी हिस्से में कोरोना वायरस अपना रूप बदलकर सक्रिय न होने पाए, क्योंकि वायरस खुद में बदलाव करते रहते हैं और वे मूल वायरस से कहीं अधिक घातक साबित हो जाते हैं। नि:संदेह चौकसी का परिचय आम लोगों को भी देना होगा, क्योंकि भले ही पिछले कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या घट रही हो, लेकिन अभी इसके प्रति सुनिश्चित नहीं हुआ जा सकता कि भारत कोरोना की दूसरी लहर से बचा रहेगा। जब तक कोरोना संक्रमण न्यूनतम स्तर तक न पहुंच जाए तब तक शासन-प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी सावधानी का परिचय देना चाहिए। यह ठीक नहीं कि बार-बार के आग्रह और अनुरोध के बावजूद लोग मास्क का इस्तेमाल करने और शारीरिक दूरी बनाए रखने के प्रति अपेक्षित सतर्कता नहीं बरत रहे हैं।


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