सम्पादकीय

पड़ोसी धर्म

Subhi
23 Aug 2022 5:39 AM GMT
पड़ोसी धर्म
x
चीन के चंगुल में फंस कर श्रीलंका आर्थिक दिवालिया हो चुका है। इस संकट की घड़ी में भारत ने पड़ोसी धर्म का पालन करते हुए उसे हर संभव सहायता उपलब्ध कराई। अनाज से लेकर ईंधन, दवाएं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की, लेकिन इसके बदले श्रीलंका से विश्वासघात मिला।

Written by जनसत्ता; चीन के चंगुल में फंस कर श्रीलंका आर्थिक दिवालिया हो चुका है। इस संकट की घड़ी में भारत ने पड़ोसी धर्म का पालन करते हुए उसे हर संभव सहायता उपलब्ध कराई। अनाज से लेकर ईंधन, दवाएं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की, लेकिन इसके बदले श्रीलंका से विश्वासघात मिला। वहां के हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन के जासूसी जहाज डेरा डाल दिया। भारत और श्रीलंका के संबंध शुरू से प्रगाढ़ रहे हैं।

संकट की घड़ी में हर भारतवासी की सहानुभूति श्रीलंका के साथ है। ऐसी परिस्थितियों में श्रीलंका को भारत-विरोधी कार्यो के लिए अपने बंदरगाह के उपयोग की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। अगर चीन हंबनटोटा बंदरगाह का इस्तेमाल व्यवसायिक कार्यों के लिए करता, तो भारत को किसी तरह की आपत्ति नहीं होती, लेकिन वह भारत की हर गतिविधि पर नजर रखना चाहता है। अब भारत को अपनी सुरक्षा प्रणाली और सुदृढ़ करनी होगी।

दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में गड़बड़ी के आरोप में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास समेत कई अन्य ठिकानों पर सीबीआइ छापों के बाद आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला स्वाभाविक है, लेकिन इससे किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता। नतीजे पर तो तभी पहुंचा जा सकता है, जब सीबीआई उन आरोपों को अदालत के समक्ष सही साबित करे, जो शराब नीति में बदलाव के सिलसिले में सामने आए हैं।

सच और झूठ का फैसला अदालत में ही होगा। ऐसे में आवश्यक है कि सीबीआइ इस मामले की तह तक जाए। हालांकि ये सवाल भी बने हुए हैं कि क्या विपक्षी दलों को परेशान किया जा रहा है? क्या केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग और मनमाना इस्तेमाल किया जा रहा है? इन सवालों के जवाब भी साफ होने चाहिए।


Next Story