सम्पादकीय

डा. कलाम के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत

Rani Sahu
14 Oct 2022 7:00 PM GMT
डा. कलाम के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत
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डा. कलाम कहते थे कि आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं। निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी। वे हमेशा कहा करते थे कि महान सपने देखने वाले महान लोगों के सपने हमेशा पूरे होते हैं। उनका कहना था कि इनसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए कठिनाई बहुत जरूरी है। सपने देखना जरूरी है, लेकिन केवल सपने देखकर ही उसे हासिल नहीं किया जा सकता, बल्कि सबसे जरूरी है कि जिंदगी में स्वयं के लिए कोई लक्ष्य तय करें। मिसाइल मैन डा. कलाम के बारे में लिखने बैठें तो कलम छोटी पड़ जाएगी, अर्थात शब्द नहीं मिल पाएंगे कि उनके बारे में क्या लिखा जाए…
डा. एपीजे अब्दुल कलाम (15 अक्तूबर 1931-27 जुलाई 2015) का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ। वे एक साधारण परिवार के निकल कर आए। हम सभी यह जानते हैं कि डा. कलाम का आरंभिक जीवन संघर्षों से भरा था। अपने पिता की मदद करने के लिए वे स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अखबार बांटते थे। उनकी खास बात थी उनकी सीखने की चाहत। बार-बार विफलता का सामना करने पर भी उन्होंने हिम्मत का दामन नहीं छोड़ा। उन्हें अत्यंत गरीब परिवार से होने के कारण बहुत दु:खों का सामना करना पड़ा, पर उन्होंने हार नहीं मानी और उनकी जीत यही है कि आज़ भी हम उन्हें नम आंखों से याद करते हैं। डा. कलाम हमेशा कहा करते थे कि.. 'अपनी पहली जीत के बाद आराम मत करो क्योंकि अगर आप दूसरी बार फेल हो गए तो अधिकतर लोग कहेंगे कि आपकी पहली जीत केवल भाग्य से मिली थी'। समाज के हर वर्ग को डा. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक इस पद की शोभा बढ़ाई। उन्होंने एरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 4 दशकों तक विज्ञान के प्रशासक के रूप में काम किया। देश के शीर्ष राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले हम सबके प्रिय डा. एपीजे अब्दुल कलाम बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। भारत रत्न से अलंकृत पूर्व राष्ट्रपति सदैव जनता के संपर्क में रहे। देश के विकास को उन्होंने सदा ग्रामीण परिवेश के साथ जोडक़र देखा। मिसाइल विकसित करने में उनके अभूतपूर्व योगदान के कारण उन्हें 'भारत का मिसाइल मैन' भी कहा जाता है। उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया। भारत रत्न उनमें से एक है। मिसाइलमैन कलाम ने पृथ्वी, अग्नि जैसी मिसाइलों को विकसित किया जिसके परिणामस्वरूप हमारा देश सुरक्षा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बना। वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा लिखी हुई पुस्तकें सदियों तक युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेंगी। उन्होंने कहा था कि 'सपने वे नहीं जो हम सोते हुए देखते हैं, सपने वे हैं जो हमें सोने नहीं देते।' जीवन के अंतिम क्षणों में भी वे एक सभा को संबोधित कर रहे थे। वे सदा बच्चों के साथ और उनके आसपास रहना चाहते थे। छात्रों की तरक्की के लिए उनके द्वारा जीवन पर्यन्त किए गए महान कार्यों को देखते हुए ही सन् 2010 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा उनका 79वां जन्म दिवस 'विश्व विद्यार्थी दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। तभी से डा. कलाम के जन्मदिवस 15 अक्तूबर को विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हम सभी को अपने कर्म से प्रेम करना चाहिए। यही कर्ममय आस्था हमारे देश को ऊंचाइयों तक ले जाएगी। वो कहा करते थे कि…'अगर किसी देश को भ्रष्टाचारमुक्त और सुंदर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य यह कर सकते हैं- माता, पिता और गुरु।' एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा जीवन ही एक पुस्तकालय है। उनके बचपन की अगर बात करें तो कठोर परिश्रम के बावजूद अपने लक्ष्य को पाने का दृढ़निश्चय कैसे रखें, यह कलाम साहब के बचपन से हर कोई सीख सकता है। डा. कलाम हमेशा कहा करते थे कि.. 'अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, हमें अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।' राष्ट्रपति होने के बावजूद उनका जीवन बड़ा सादा था। एपीजे अब्दुल कलाम जी के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सरलता और सहजता एक सफल जीवन की कुंजी है। उनके पास कपड़े भी सीमित थे। इससे हमें ये समझना चाहिए कि कम साधनों में जीवन की एकाग्रता और तेज हो जाती है और जो हमने अपने जीवन में पाने को ठान रखा है, उसमें ध्यान और बढ़ जाता है। उनके जीवन को समझना है तो उनके द्वारा लिखी गई किताब 'अग्नि की उड़ान' जरूर पढऩी चाहिए। उनका जीवन हमें ईमानदारी, संयम और परिश्रम सिखाता है। डा. कलाम कहा करते थे कि अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले सूरज की तरह जलना सीखें। वे कहते थे कि अगर आप फेल होते हैं तो निराश मत होइए, क्योंकि फेल होने का अर्थ है 'फस्र्ट अटैंप्ट इन लर्निंग' और अगर आप में सफल होने का मजबूत संकल्प है तो असफलता आप पर हावी नहीं हो सकती। इसलिए सफलता और परिश्रम का मार्ग अपनाना चाहिए जो सफलता का एकमात्र रास्ता है। डा. कलाम कहते थे कि आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं। निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी। वे हमेशा कहा करते थे कि महान सपने देखने वाले महान लोगों के सपने हमेशा पूरे होते हैं। उनका कहना था कि इनसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए कठिनाई बहुत जरूरी है। सपने देखना जरूरी है, लेकिन केवल सपने देखकर ही उसे हासिल नहीं किया जा सकता, बल्कि सबसे जरूरी है कि जिंदगी में स्वयं के लिए कोई लक्ष्य तय करें। मिसाइल मैन डा. कलाम के बारे में लिखने बैठें तो कलम छोटी पड़ जाएगी, अर्थात शब्द नहीं मिल पाएंगे कि उनके बारे में क्या लिखा जाए। डा. कलाम जैसी अनमोल विभूति किसी भी देश में जन्मा वह सूर्य है, जिसकी चमक से संपूर्ण विश्व अलौकिक होता है, जो धर्म, संस्कृति, जाति और उम्र की सीमाओं से परे है। विद्यार्थियों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उनका पूरा जीवन प्रेरक है। वे ऊर्जा के जीवंत उदाहरण थे।
प्रत्यूष शर्मा
लेखक हमीरपुर से हैं
By: divyahimachal
Rani Sahu

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