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- सुधार की दरकार
संयुक्त राष्ट्र में सुधार को लेकर ज्यादातर राष्ट्र लंबे समय से आवाज उठाते रहे हैं। लेकिन अब तक इस दिशा में ऐसा कुछ भी होता नहीं दिखा है, जिससे यह संकेत मिलता हो कि बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों में यह निकाय खुद को भी बदलेगा। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना को पचहत्तर साल हो चुके हैं। तब से अब तक दुनिया में बड़े बदलाव आ चुके हैं। विश्वयुद्ध, शीतयुद्ध जैसे भयानक दौरों से दुनिया गुजर चुकी है। महाशक्तियों के मायने और स्वरूप बदल चुके हैं। ऐसे में दुनिया को वैश्विक व्यवस्था में बांधे रखने की जिम्मेदारी निभाने वाले संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जरूरत है। मगर हैरानी की बात है कि आज जिन देशों का इस निकाय पर नियंत्रण बना हुआ है, वे सुधार की बात तो करते हैं, पर उस दिशा में कदम बढ़ाने से बचते रहे हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र में सुधार की गाड़ी कैसे बढ़े, यह बड़ा सवाल है। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के छिहत्तरवें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर कदम बढ़ाने की बात कही है।