सम्पादकीय

शक्ति की भक्ति का पर्व नवरात्रि, Dandiya कर माँ को प्रसन्न करते

Gulabi Jagat
2 Oct 2024 11:25 AM GMT
शक्ति की भक्ति का पर्व नवरात्रि, Dandiya कर माँ को प्रसन्न करते
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Navratri:नवरात्रि अर्थात शक्ति की भक्ति का पर्व देश ही नहीं विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। इन 9 दिनों में प्रकृति अपना स्वरूप बदलती है। वातावरण में एक अलग ही आभा देखने को मिलती है। नवरात्रि शब्द में नवरात्रों का बोध होता है रात्रि को सिद्धि के लिए हमारे ऋषि मुनियों ने अधिक महत्वपूर्ण माना है। इसलिए शिवरात्रि, दिवाली, होलीका और नवरात्रि रात को ही मनाते हैं। इन 9 दिनों में पहले तीन दिन तमोगुण प्रकृति और दूसरे तीन दिन रजोगुणी और आखिरी तीन दिन प्रकृति की आराधना की जाती है 9 दिनों में मन, तन, आत्मा की शुद्धि होती है। आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।
आजकल हर शहर में नवरात्रि की धूम रहती है खासकर युवाओं में इसका जोश देखते ही बनता है इसमें गरबा खास होता है। गरबा शब्द की शुरुआत गुजरात से हुई। ऐसा कथाओं में उल्लेख है कि गुजरात में असुर महिषासुर को वरदान प्राप्त था कि कोई देवता उसे नहीं मार सकता। उसने कठिन तपस्या करके वरदान प्राप्त किया तो उसे लगता था कोई स्त्री तो ललकार ही नहीं सकती। उसके बढ़ते अत्याचार से तंग आकर ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने देवी से रक्षा करने की प्रार्थना की। तब देवी ने प्रकट हो 9 दिन 9 रात्रि महिषासुर के साथ युद्ध किया और अंत में देवी की जीत हुई। तब से नवरात्रि बड़े उत्साह उमंग के साथ मनाया जाता है।
देवी उस असुर को एक दिन में ही एक पल में ही समाप्त कर सकती थी। मगर 9 दिन नवरात्रि, देवी ने उसके साथ युद्ध किया और मानव को संदेश दिया कि अधर्म की ताकत चाहे जितनी बड़ी हो ,युद्ध कितना भी लंबा चले मगर जीत हमेशा सत्य की होती है। वास्तव में गरबा और डांडिया अलग-अलग हैं। गरबा एक गर्भ के रूप में देखा जाता है इसमें देवी की प्रतिमा के साथ, एक मटकी जिसके अंदर दीया जलता है बाहर छेद होते हैं जिसे बीच में रखकर पारंपरिक पोशाक में नृत्य किया जाता है। और डांडिया एक आधुनिक रूप है जिसमें पोशाक के साथ आधुनिकता को जोड़ दिया जाता है और बीच में थीम पर आधारित अलग-अलग संदेश देते हुए नृत्य किए जाते हैं। यह न केवल देवी भजन आधुनिक गीतों पर भी नृत्य होता है जबकि गरबा में मात्र देवी भजन पर नृत्य किया जाता है ।
लकड़ी की दो छड़ियो के साथ जो एक तलवार का प्रतीकात्मक रूप माना जाता है कि साथ बैलेंस करते हुए नृत्य किया जाता है। नवरात्रि नारी के प्रति सम्मान को भी दर्शाती है इन 9 दिनों में हर तरह से व्यवसाय फलता फूलता है। खासकर डांडिया के चलते विभिन्न तरह की आयोजन किए जाते हैं उससे कई फायदे भी होते हैं। डांडिया एक ऐसा आधुनिक रूप है जो जीवन में एक नया जोश भर देता है। इसे हर उम्र के लोग अपने-अपने स्टाइल में करने लगे हैं। जिसे करने के बहुत फायदे होते हैं। वर्क प्रेशर प्रतिस्पर्धा के चलते लोग कहीं ना कहीं अपनी खुशियां, रिश्ते भूलते जा रहे हैं, डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। मगर यह नवरात्रि आपके अंदर एक नई शक्ति का संचार करता है।
कई फायदे हैं डांडिया को करने से
1) वजन कम करना-
आजकल ज्यादातर लोग जंक फूड के दीवाने हैं इसका एक साइड इफेक्ट मोटापा भी होता है। जिसके लिए फिटनेस सेंटर ज्वाइन किए जाते हैं डाइटिंग की जाती है मगर फिर भी इतना जल्दी प्रभाव नहीं होता लेकिन इस नवरात्रि में सात्विक आहार खाकर एक्सरसाइज के रूप में भी अगर आप डाडिया करते हैं तो आपका वजन काफी कम होता है।
2) सकारात्मक सोच--कहते हैं जैसा अन्न वैसा मन... नौ दिनों में हम सात्विक भोजन करते हैं बाहर का नहीं खाते तो हम बहुत सकारात्मक हो जाते हैं और यही सकारात्मक ऊर्जा एक नई दिशा प्रदान करती है अपने कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए।
3) सृजनात्मक- आजकल डांडिया एक बहुत बड़े स्तर पर किया जाने लगा है इसमें अलग-अलग थीम, रूप देखने को मिलते हैं। नए गाने पोषाक, ज्वेलरी, आहार में विभिन्नता, नए विषयों पर चर्चा, नई तरह के पन्डाल, नए स्टेज सब अद्भुत होता है। यह 9 दिन नए सृजन के दिन माने जाते हैं क्योंकि जिस तरह 9 दिन के युद्ध के पश्चात मां का एक नया रुप सामने आया, नवरात्रि मे सृजन की शक्ति भी बढ़ने लगती है। खासकर महिलाओं में एक अद्भुत ऊर्जा देखी जाती है अष्ट शक्तियां जागृत हो जाती हैं। अर्थात विभिन्न तरह की कलाएं।
4) आध्यात्मिक शक्ति- जीवन के किसी भी क्षेत्र में अध्यात्म के बिना सफल नहीं हो सकते। क्योंकि आध्यात्मिकता हमें कई अवगुणों से बचाती है। साथ ही हमारे अंदर सेवा, दयालुता, स्नेह का भाव जाग्रत करती है। मन में शांति, विश्वास बढ़ता है इसके बिना जीवन में सफलता नहीं मिल सकती है। नवरात्र में हमारी आध्यात्मिक शक्ति जागृत होती है जो हमें लंबे समय तक ऊर्जावान बनाए रखती है।
5) रिश्तों में मिठास - आजकल हर कोई अपने तरीके से जीता है और घूमने निकलता है। मगर डांडिया एक पारिवारिक आयोजन होता है जिसमें परिवार के लोग साथ में जाते हैं। भाई बहन, कजिन दादा, दादी और पड़ोसी भी साथ रहकर लंबे समय तक प्रैक्टिस करते हैं या साथ में जाते हैं उन सब के रिश्तों में एक मिठास आती है ।
बड़ों में खुशी बढ़ती है और छोटों को अपनत्व व स्नेह मिलता है।
आप सबको नवरात्रि की बधाई
देवी को प्रसन्न करने के साथ-साथ हम अपने समाज व समुदाय से जुड़कर एक बेहतरीन समाज की ओर अग्रसर हों। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ।
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