सम्पादकीय

NATO Countries: रूस पर हमले को तैयार नाटो देश, जानें- इन देशों में किस-किस का नाम है शामिल

Gulabi
24 Feb 2022 1:18 PM GMT
NATO Countries: रूस पर हमले को तैयार नाटो देश, जानें- इन देशों में किस-किस का नाम है शामिल
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रूस पर हमले को तैयार नाटो देश
रूस की ओर से यूक्रेन पर किए गए हमले (Russia And Ukraine War) के बाद NATO की ओर से खुला विरोध किया जा रहा है. NATO का कहना है, 'हमारे पास अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए 100 से अधिक जेट और उत्तर से भूमध्य सागर तक समुद्र में 120 से अधिक जहाज हैं. गठबंधन (यूक्रेन) को आक्रामकता (रूस) से बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे.' रूस और यूक्रेन के युद्ध (Russia Attack) में NATO की अहम प्रतिक्रिया सामने आ रही है और यहां तक कहा जा रहा है कि रूस के हमले के विरोध में नाटो के 30 सदस्य देशों (Nato Countries) की ओर से रूस पर हमला किया जाएगा. नाटों के चर्चा में आने के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
अब लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ये NATO क्या है और यह किस तरह से काम करता है. साथ ही लोग जानना चाहते हैं कि रूस की कार्रवाई को सीधी चुनौती देने वाले NATO में कौन-कौन से देश शामिल हैं? तो जानते हैं आपके हर सवाल का जवाब…
क्या NATO की प्रतिक्रिया?
NATO महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, 'NATO यूक्रेन में रूस के आक्रमण की कड़े शब्दों में निंदा करता है. हम रूस से सैन्य कार्रवाई को तुरंत बंद करने और यूक्रेन से पीछे हटने का आह्वान करते हैं. लोकतंत्र हमेशा निरंकुशता पर हावी रहेगा. दमन पर हमेशा स्वतंत्रता की जीत होगी. हमारे पास अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए 100 से अधिक जेट और उत्तर से भूमध्य सागर तक समुद्र में 120 से अधिक जहाज हैं. गठबंधन (यूक्रेन) को आक्रामकता (रूस) से बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे. आगे की स्थिति पर विचार करने के लिए NATO नेता कल बैठक करेंगे.' NATO महासचिव ने कहा है कि NATO यूक्रेन के साथ एकजुटता से खड़ा है. NATO पूरी दुनिया में यूरोपीय संघ और अन्य सहयोगियों से समन्वय बनाकर रूस पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा.
क्या है नाटो?
नाटो कुछ देशों का एक इंटरगवर्नेंट मिलिट्री संगठन है. इसका मकसद साझा सुरक्षा नीति पर काम करना है. जैसे मान लीजिए अगर किसी नाटो देश पर कोई दूसरा देश हमला करता है तो पूरे नाटो के देश प्रभावित देश के साथ खड़े हो जाते हैं और उसकी मदद करते हैं. इसका पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) है, जिसे फ्रेंच में OTAN कहते हैं, जो एक तरह से नाटो का उल्टा है. अभी नाटो देश यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं.
क्यों बनाया गया NATO?
ये तो आप समझ गए कि NATO क्या है. अब आपको बताते हैं कि आखिर NATO कैसे अस्तित्व में आया और उसके बाद ही समझ जाएंगे कि NATO देश रूस के खिलाफ क्यों खड़े हैं. दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया दो खेमों में बंट गई थी और उस वक्त दो सुपर पावर थे, जिसमें अमेरिका और सोवियत संघ शामिल था. उस वक्त सोवियत संघ के अलावा दूसरे खेमे ने अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए प्रयास शुरू किया था और उसके साथ ही उन देसों ने सोवियत संघ और अन्य देशों से खुद को सुरक्षित करने के लिए ये संगठन बनाया था ताकि वे एक साथ होकर खुद की रक्षा कर सकें.
कौन- कौन से देश हैं शामिल?
अगर NATO में शामिल देशों की बात करें तो इसमें प्रमुख देश अमेरिका ही है. इसे अमेरिका की ओर से बढ़ा गया कदम ही माना जाता है और अमेरिका के नेतृत्व वाले NATO के खिलाफ रूस है. बता दें कि अभी NATO में 30 देश शामिल हैं, जिनकी लिस्ट नीचे दी गई है. बता दें कि जब सोवियत संघ टूट गया तो उससे अलग होकर दो देश बने वो भी NATO का हिस्सा बन गए, जिसमें लातविया और लिथुआनिया जैसे देश शामिल हैं. नॉर्थ मैसेडोनिया साल 2020 में इसमें शामिल होने वाले सबसे नया मेंबर है.
NATO देशों की ये रही लिस्ट
Albania Belgium Bulgaria Canada Croatia Czech Rep Denmark Estonia France Germany Greece Hungary Iceland Italy Latvia Lithuania Luxembourg Montenegro Netherlands North Macedonia Norway Poland Portugal Romania Slovakia Slovenia Spain Turkey United Kingdom United States
रूस यूक्रेन विवाद में NATO?
दरअसल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन NATO के पक्ष में नहीं है और उन्हें यूक्रेन के NATO में जाने को लेकर भी आपत्ति है. बता दें कि साल 2008 में जॉर्जिया और यूक्रेन को इसमें शामिल करने के लिए न्यौता दिया गया था. माना जाता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो मौजूदा स्थिति के अनुसार नाटो की सेनाएं यूक्रेन की सीमाओं पर स्थायी मौजूदगी हो जाएगी और रूस नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो.
भारत भी नहीं है हिस्सा
बता दें कि नाटो का सदस्य बनने के लिए यूरोपीय देश होना जरूरी शर्त है. हालांकि, अपनी पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से नाटो ने कई अन्य देशों से भी अपने संपर्क स्थापित किए हैं. अल्जीरिया, मिस्र, जॉर्डन, मोरक्को और ट्यूनिशिया भी नाटो के सहयोगी हैं.
TV 9 भारत वर्ष के सौजन्य से ओपिनियन
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