सम्पादकीय

नरेन्द्र मोदी : आठ साल बेमिसाल

Subhi
30 May 2022 2:12 AM GMT
नरेन्द्र मोदी : आठ साल बेमिसाल
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता में 8 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी देशभर में जश्न मना रही है। भाजपा के लिए यह गर्व का विषय है। 2019 में दोबारा जनादेश मिलने के बाद नरेन्द्र मोदी ने 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।

आदित्य चोपड़ा; प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता में 8 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी देशभर में जश्न मना रही है। भाजपा के लिए यह गर्व का विषय है। 2019 में दोबारा जनादेश मिलने के बाद नरेन्द्र मोदी ने 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उनका कालखंड कैसा रहा, इसका विश्लेषण करना एक शोध का विषय है। यदि 8 वर्षों में प्रधानमंत्री पर जनता के भरोसे का आकलन किया जाए तो यह भरोसा बरकरार है। उनके कार्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि सत्ता के गलियारों से भ्रष्टाचार गायब है। इस देश ने अरबों रुपए के घोटालों में मंत्रियों, सांसदों और मुख्यमंत्रियों को जेल जाते देखा है लेकिन पिछले 8 वर्षों में सत्ता पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं लगा है। राजकोट में एक समारोह काे सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री का कहना बिल्कुल सत्य है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसा कोई गलत काम नहीं ​िकया जिससे देशवासियाें को सिर झुकाना पड़े। सरकार ने गरीबों की सेवा, सुशासन और गरीब के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने, तीन तलाक को 'अपराध' बनाने, पीओके में सर्जिकल स्ट्राकल करने, जीएसटी लागू करने, नागरिकता संशोधन कानून, करीब 80 करोड़ भारतीयों को कोरोना महामारी के दौरान मुफ्त अनाज देने, गरीबों को पक्के घर देने और आयुष्मान भारत योजना ऐसे फैसले रहे जिनसे न केवल राष्ट्र मजबूत हुआ बल्कि यह साबित हुआ कि सरकार की नीतियां और नीयत सही है, उनमें कोई खोट नहीं है। कई कल्याणकारी योजनाओं ने देश का चेहरा बदला है। दस करोड़ से अधिक परिवारों को ओडीएफ से मुक्ति, उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक महिलाओं को धुएं से मुक्ति, 2.5 करोड़ से अधिक परिवारों को बिजली, 6 करोड़ से अधिक परिवारों को नल का पानी। यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं बल्कि जनता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का ही परिणाम है। जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक के संदर्भ में लिए गए साहसिक फैसलों के चलते जनता राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ी है। आतंकवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ-साथ गृहमंत्री अमित शाह को भी जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सफलता के पीछे क्या कारण हैं जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक भारत में उन्हें अब तक अपराजय बना डाला है। दो वर्ष पहले अहमदाबाद स्थित प्रतिष्ठित मुद्रा इंस्टीच्यूट ऑफ कम्युनििशन में प्रस्तुत किए गए एक शोध पत्र के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी की सफलता के पीछे पीसीसी है। पीसीसी यानि प्रसैप्शन, कम्युनिकेशन और कनैक्शन। प्रधानमंत्री मोदी में ऐसी विलक्षण बाते हैं जिनसे उनका राजनीतिक कद काफी ऊंचा हो चुका है। प्रधानमंत्री पर लोगों का भरोसा इसलिए बढ़ा है क्योंकि वे लोगों से उन्हीं की भाषा में सीधा संवाद करते हैं और लोगों के साथ उनका यह कनैक्शन उन्हें सफलता दिलाता है। ब्रैंडिंग किसी भी उत्पाद को ताकत देती है।संपादकीय :श्रीकृष्ण जन्म स्थान केवल हिन्दुओं काकुत्तों का राज योगकाशी विश्वनाथ : शिव-शंकर-शम्भूआर्यन को क्लीन चिटमहंगाई रोकने के सरकारी उपायबड़े साहब की 'डॉग वॉक'राजनीतिक क्षेत्र में भी ब्रैंडिंग के कुछ सिद्धांत नेताओं और राजनीतिक दलों पर लागू होते हैं। ब्रैंड मोदी की धमक पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। आज पूरी दुनिया में यह धारणा बन चुकी है कि मोदी एक कुशल और अनुभवी नेता हैं। प्रधानमंत्री का लगातार मन की बात कार्यक्रम करना, वर्चुअल मीटिंगों के जरिये सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत करना, खिलाड़ियों से लेकर बु​द्धिजीवियों तक सीधा संवाद करना। उनकी विल्क्षण प्रतिभा है जिससे वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं। उनकी सरकार में कहीं भी नीतिगत अपंगता नजर नहीं आती और सरकार ने एक के बाद एक साहसिक फैसले लिए जिससे देश की प्रतिष्ठा बढ़ी।कोविड महामारी के दौरान न केवल अपने देशवासियों का मनोबल बनाए रखने, सफलतापूर्वक वैक्सीनेशन अभियान चलाने और लगभग 50 से अधिक देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक नई छवि बनी। अफगानिस्तान और युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी से पूरी दुनिया को इस बात का अहसास हो गया कि भारत अब पहले से अधिक सामर्थ्यवान हो चुका है। मोदी सरकार ने स्टार्टअप इंडिया और वैंचर कैपिटल फंडिंग की शुरूआत की और सरकार की पहल से ही इस वर्ष स्टार्टअप की संख्या 66000 हो गई और यूनिकार्न की संख्या 100 के पार चली गई। मेक इन इंडिया अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया गया।आज रक्षा क्षे​त्र सहित कई अन्य क्षेत्रों में भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। आठ वर्षों के दौरान देश ने अनेक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों को देखा। शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और किसानों की समस्याओं से देश को जूझना पड़ा लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी कार्यशैली से हर वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया। कोरोना महामारी से उभरने के बाद हालांकि कई चुनौतियां देश के सामने हैं लेकिन जनता को उन पर इतना भरोसा है कि मोदी हैं तो मुमकिन है, सभी चुनाैतियों से छुटकारा मिल जाएगा। महंगाई, बेरोजगारी देश की बुनियादी समस्याएं हैं लेकिन रोटी के साथ-साथ विदेश नीति, सामरिक नीति, व्यापार, उत्पादन, निर्यात, ग्रामीण विकास और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता आदि भी बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। सियासत हो या कूटनीति मोदी सरकार हर मोर्चे पर सफल रही है।

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