सम्पादकीय

लता-मुलायम-बादल का जिक्र कर महफिल लूट ले गए NaMo, क्या मिल पाएगा पोलिटिकल माइलेज?

Gulabi
8 Feb 2022 2:49 PM GMT
लता-मुलायम-बादल का जिक्र कर महफिल लूट ले गए NaMo, क्या मिल पाएगा पोलिटिकल माइलेज?
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लता-मुलायम-बादल का जिक्र कर महफिल लूट ले गए NaMo
संयम श्रीवास्तव।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में बोलते हुए कांग्रेस (Congress) को तो खूब लपेटा ही पर उनकी नजर विधानसभा चुनावों से हटी नहीं थी. सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए विपक्ष पर तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. लगभग उसी अंदाज में मंगलवार को वो फिर कांग्रेस पर हमलावर रहे. पर आज उन्होंने मुलायम सिंह यादव सरकार को तंग करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर हमला करके यूपी में अपना चुनावी दांव भी चला.
गोवा की आजादी में देरी के लिए तत्कालीन नेहरू सरकार को जिम्मेदार ठहराकर और लता मंगेशकर के पिता के साथ हुए अन्याय का जिक्र कर गोवा के मतदाताओं का भी दिल जीतने की कोशिश की. राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए पूरे देश की निगाहें देश की संसद पर होती हैं. उस मौके का उन्होंने अपनी भाषण शैली और वाकपटुता से भरपूर फायदा उठाया.
मुलायम सिंह के बहाने यूपी के वोटरों को संदेश
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को उनकी सरकार के दौरान तत्कालीन कांग्रेसनीत केंद्र सरकार ने किस तरह परेशान किया था, इसका जिक्र करके मुलायम समर्थकों के पुराने घाव की याद दिला दी. दरअसल मुलायम सिंह यादव परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति दर्ज करने का मामला सीबीआई ने दर्ज किया था. कहा जाता है कि एफआईआर में मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और डिंपल का नाम तो शामिल किया ही गया था. परिवार की एक नाबालिग बच्ची का नाम भी शामिल किया गया था. इससे मुलायम परिवार को बहुत दुख पहुंचा था. कहा जाता है कि सीबाआई की धौंस दिखाकर तत्कालीन सरकार ने कई मौकों पर समाजवादी पार्टी का समर्थन हासिल किया था. दरअसल यूपी की राजनीति में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की बढ़ती नजदीकियों को लेकर यह पीएम का निशाना था.
पंजाब के वोटरों को लुभाने की कोशिश
ये सभी जानते हैं कि किसान आंदोलन के चलते पंजाब-हरियाणा और पश्चिमी यूपी में बीजेपी की लोकप्रियता में गिरावट आई है. पर पंजाब की राजनीति में कैप्टन अमरिंदर के कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाने और नवजोत सिंह सिद्धू को किनारे करके चन्नी को सीएम कैंडिडेट बनाने पर जट वोटों को लेकर बीजेपी की उम्मीदें बढ़ गईं हैं. चुनावों में किसी के स्पष्ट बहुमत न मिलने पर ऐसा भी हो सकता है बीजेपी और अकालियों की पुरानी दोस्ती फिर फिर परवान चढ़ जाए. राजनीति असीम संभावनाओं का खेल है. पीएम मोदी वैसे भी प्रकाश सिंह बादल का पैर छूते रहे हैं. पंजाब में प्रकाश सिंह बादल सरकार को परेशान करने का जिक्र और सिखों के नरसंहार का हवाला देकर पीएम ने पंजाब में बीजेपी की राह आसान करने की कोशिश की है.
गोवा की आजादी में देरी की वजह थे पंडित नेहरू
प्रधानमंत्री बोले, 'अगर सरदार पटेल से प्रेरणा लेकर गोवा की आजादी के लिए रणनीति बनती तो वहां के लोगों को 15 साल तक गुलाम नहीं रहना पड़ता.' प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सरदार पटेल ने हैदराबाद के लिए रणनीति बनाई, जिस प्रकार उन्होंने जूनागढ़ के लिए रणनीति बनाई, उसी तरह अगर उनसे प्रेरणा लेकर गोवा के लिए भी वैसी ही रणनीति बनाई गई होती तो गोवा को हिन्दुस्तान की आजादी के 15 साल बाद तक गुलाम नहीं रहना पड़ता.
पीएम ने कहा, उस समय के अखबारों को देखने से पता चलता है कि तब के प्रधानमंत्री को अपने वैश्विक नेता होने की छवि के खराब होने का डर था. इसलिए उन्हें लगता था कि गोवा की उपनिवेशिक सरकार पर आक्रमण नहीं किया गया. इसलिए जब वहां सत्याग्रहियों पर गोलियां चल रहीं थीं, तब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं सेना नहीं भेजूंगा. सत्याग्रहियों की मदद करने से उन्होंने सीधे इनकार कर दिया था. ये गोवा के साथ किया गया कांग्रेस का जुल्म है.
गोवा वासियों का दिल जीतने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू का एक भाषण कोट करते हुए कहा, 'नेहरू जी ने 15 अगस्त 1955 को लाल किले से कहा था, कोई धोखे में ना रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे. कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है. अंदर के लोग चाहते हैं कि वो शोर मचाकर ऐसे हालात पैदा करें कि हम मजबूर हो जाएं फौज भेजने के लिए पर हम फौज नहीं भेजेंगे, हम शांति से सब तय करेंगे. इस बात को सब लोग समझ लें.
प्रधानमंत्री ने नेहरू के भाषण को कोट करते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने लोहिया जी समेत सभी सत्याग्रहियों के लिए कहा था, 'जो लोग वहां जा रहे हैं, उनको वहां जाना मुबारक हो, लेकिन ये भी याद रखें कि अपने को सत्याग्रही कहते हैं तो सत्याग्रह के उसूल, सिद्धांत और रास्ते भी याद रखें. सत्याग्रह के पीछे फौजें नहीं चलतीं.' प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा की जनता को असहाय कर दिया गया. गोवा की जनता कांग्रेस के इस कृत्य को भूल नहीं सकती है.
लता जी का जिक्र करते हुए भी गोवा को साधा
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता की बातें करने वालों का आज मैं इतिहास खोल रहा हूं. ये घटना भी गोवा के एक बेटे की कथा है. लता मंगेशकर जी के निधन से पूरा देश दुखी है. लता मंगेशकर जी का परिवार गोवा का है, लेकिन उनके परिवार के साथ कैसा सलूक किया गया ये भी देश को जानना चाहिए. उनके छोटे भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर जी गोवा की धरती के बेटे थे, उन्हें ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया. उनका गुनाह क्या था, उनका गुनाह ये था कि उन्होंने वीर सावरकर की देशभक्ति से भरी कविता को ऑल इंडिया रेडियो पर सुनाया था.
मंगेशकर जी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें सावरकर जी से कहा कि वे रेडियो शो पर उनकी कविता पढ़ेंगे, तो सावरकर जी ने उनसे कविता पढ़ने को लेकर कहा था कि क्या आप मेरी कविता पढ़कर जेल जाना चाहते हो. जब उन्होंने कविता पढ़ी तो सात दिन के अंदर उन्हें ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया. ये आपका फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन था. फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के बहाने सुनाई गई यह कहानी गोवा विधानसभा के चुनावों में वहां के मतदाताओं का दिल जीतने के लिए काफी है.
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