सम्पादकीय

Mussolini, Hitler,श्रीलंका और तानाशाह की नियति

Rani Sahu
13 May 2022 11:34 AM GMT
Mussolini, Hitler,श्रीलंका और तानाशाह की नियति
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तानाशाह से ताल्लुक रखनेवाली हर खबर आग होती है

Chanchal Bhu

तानाशाह से ताल्लुक रखनेवाली हर खबर आग होती है. तानाशाह मुसोलिनी को, गोली मार कर उसके शव को, उसी मिलान शहर के चौराहे पर लटकाया गया था, जहां से वह दो दमकते सपने दिखाए थे. पहली "हम रोम की महानता को वापस लाएंगे" और दूसरी "हम मैदान से भागें तो, हमें यही चौराहे पर गोली मार देना." और उसी चैराहे पर मुसोलिनी की लाश, उसकी प्रेमिका की लाश के साथ लटका दी गयी है. मुसोलिनी के मौत की खबर से ज़्यादा भयानक वह खबर रही थी, जो मुसोलिनी की लाश के साथ हो रहा था. तानाशाह के रुआब, दबदबे और ख़ौफ़ से उपजे पूजा भाव के अंदर दबी नफरत और घृणा की चिंगारी कैसे फूटती है, उसे इतिहास दर्ज करता है.
मुसोलिनी और उसकी प्रेमिका क्लारेता पेटाची की लाश चौराहे पर उल्टी कर के लटकायी गयी थी. भीड़ में इतनी नफ़रत थी कि उसने शव को नीचे उतारा, बूटों से रौंदा. एक औरत ने मुसोलनी की लाश को पांच गोली मारी. क्योंकि उसके पांच बच्चों को इसी चौराहे पर गोली मारी गयी थी. इतिहास बताता है – एक औरत आयी. उसने अपना स्कर्ट उठाया और मुसोलिनी के मुंह में पेशाब कर दिया.
मिलान से चली यह खबर हिटलर तक पहुंची. वह अंदर तक हिल गया. मौत से ज़्यादा ख़ौफ़नाक लगा वह मंजर. जो किसी स्वेच्छाचारी तानाशाह की मौत के बाद उसकी लाश के साथ होता है. इतिहास मौत की खबर से ज़्यादा तवज्जो, मौत के बाद की घटनाओं को देता है. इसलिए हिटलर चाहता था मौत के बाद उसकी लाश ही न मिले. इसलिए वह ज़मीन के अंदर बंकर में गया. मौत की गारंटी के लिए तीन साधन लिया – सायनाइड, बंदूक़ की गोली और पेट्रोल. बिडंबना देखिए यहूदियों के सफ़ाये के लिए यही सारे साधन हिटलर द्वारा अपनाए गये थे. वही साधन एक तानाशाह खुद अपने लिए तय करता है.


Rani Sahu

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