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By लोकमत समाचार सम्पादकीय
By अरविंद कुमार
मुलायम सिंह यादव ने 1996 से 1998 के बीच देश के रक्षा मंत्री के तौर पर जो काम किया उसने सेनाओं को मजबूत बनाने के साथ उनको भी देश का बेहतरीन रक्षा मंत्री बना दिया और उनका नाम बहुत सम्मान से तेजी से फैसले लेने के लिए याद रखा जाएगा।
मुलायम सिंह के रक्षा मंत्री काल में देश की सशस्त्र सेनाओं के तमाम लंबित मुद्दों का समाधान हुआ, फौजियों की दिक्कतों का हल निकला। सेना को मजबूत बनाने के लिए सुखोई से लेकर तमाम हथियार और साजो-सामान देश में पहुंचे। वित्तीय दिक्कतों से सेना को निजात मिली। उनके पहले शरद पवार के रक्षा मंत्री काल को ही बेहतरीन माना जाता था जिनकी रक्षा मंत्री के तौर पर पारी बहुत लंबी नहीं थी। एचडी देवगौड़ा सरकार में वे 1 जून 1996 को रक्षा मंत्री बने। लेकिन रक्षा मंत्री के दौरान उन्होंने देश के तमाम दुर्गम और जटिल इलाकों का दौरा कर फौजियों का मनोबल बढाया। उनकी दिक्कतों को तत्काल दूर किया।
देश में फौजी तो अधिकतर हिंदी ही बोलते हैं, लेकिन रक्षा मंत्रालय में अंग्रेजी चलती है। पहली बार रक्षा मंत्रालय में हिंदी में कामकाज भी मुलायम सिंह के आने के बाद होने लगा। मैं उन दिनों रक्षा संवाददाता था तो बहुत सी बातों से वाकिफ हूं। उसी दौरान हिंदी में प्रेस रिलीज भी जारी होने लगी थी, जो बाद में बंद हो गई। 26 जून 1997 को सेना की 3 कोर के जवानों के बीच उन्होंने कहा था कि राष्ट्रभाषा हिंदी को देशव्यापी बनाने में सेना ने जो महान योगदान दिया है वह अद्वितीय है। वे मुलायम सिंह यादव ही थे जिनके रक्षा मंत्री काल में शहीद सैनिकों का शव सम्मान के साथ उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था आरंभ हुई।
मुलायम सिंह यादव देश के पहले रक्षा मंत्री थे, जो सियाचिन ग्लेशियर पर गए। बंगाल की खाड़ी से लेकर कश्मीर और पूर्वोत्तर के उग्रवाद प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उनके कार्यकाल में पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन नहीं किया। भारतीय सेना ने चीन को भी चार किलोमीटर पीछे ढकेल दिया। वे खुल कर चीन को ललकारते थे और उसी हिसाब से रक्षा तैयारियों को गति दी गई। उनके रक्षा मंत्री काल में सुखोई विमान समझौते को जमीन पर उतारा गया, वे रूस गए और उस दौर के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना में शामिल कराया। कम लोग जानते हैं कि भारत रत्न सम्मान एपीजे अब्दुल कलाम को मुलायम सिंह यादव के कारण ही मिला था। वे मुलायम सिंह ही थे जिन्होंने 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति के लिए अटलजी को कलाम का नाम सुझाया था। 16वीं लोकसभा के आखिरी सत्र में मुलायम सिंह ने सदन में मोदी के पक्ष में बोलकर सबको हतप्रभ कर दिया था।
Rani Sahu
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