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- एमएसपी 'मूंछ का सवाल'
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का मुद्दा भारत सरकार और आंदोलनरत रहे किसानों के बीच 'मूंछ का सवाल' बनकर रह गया है। सरकार कुछ घंटों में ही एमएसपी पर फैसला ले सकती थी, लेकिन कमेटी और सियासत के भंवर में यह अति महत्त्वपूर्ण मुद्दा फंस कर रह गया है। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने आंदोलित किसानों को आश्वस्त किया था कि एमएसपी को लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। उस आश्वासन के बाद ही 15 दिसंबर, 2021 के आसपास किसानों ने अपने तंबू उखाड़ दिए थे और 378 दिनों के बाद आंदोलन का पटाक्षेप हुआ था। करीब तीन महीनों के बाद केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने एक किसान नेता को फोन किया और प्रस्तावित कमेटी के लिए कुछ नाम मांगे। अभी तो नाम मांगने का सिलसिला शुरू हुआ है। कमेटी का 'टर्म ऑफ रेफरेंस' क्या है? उसकी कार्यप्रणाली क्या होगी और कौन अध्यक्ष होगा? क्या कमेटी की रपट सरकार के लिए बाध्यकारी होगी? ऐसे सवाल किसानों के लिए स्वाभाविक हैं।