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सम्पादकीय
Mohali Blast: मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया विभाग के मुख्यालय में हुआ विस्फोट खतरे की घंटी
Gulabi Jagat
11 May 2022 6:09 AM GMT

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मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया विभाग के मुख्यालय में हुआ विस्फोट खतरे की एक बड़ी घंटी नजर आता है
मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया विभाग के मुख्यालय में हुआ विस्फोट खतरे की एक बड़ी घंटी नजर आता है, क्योंकि एक तो यह विस्फोट राकेट से किया गया और दूसरे, इसके पीछे उन राष्ट्र विरोधी शक्तियों का हाथ हो सकता है जिनके संबंध विदेशी ताकतों से हो सकते हैं। यह ठीक है कि इस विस्फोट में जान माल की कोई क्षति नहीं हुई, लेकिन खुफिया विभाग के मुख्यालय को निशाना बनाया जाना राष्ट्रविरोधी तत्वों के दुस्साहस को ही बयान करता है। इस दुस्साहस का दमन निर्ममता से किया जाना चाहिए और इस क्रम में इसकी तह तक जाना चाहिए कि हमलावरों को राकेट सरीखे हथियार कैसे हासिल हो गए।
पंजाब सरकार और साथ ही उसकी पुलिस इसकी अनदेखी नहीं कर सकती कि राज्य में पिछले कुछ समय से खालिस्तान समर्थकों की सक्रियता बढ़ती दिखी है। अभी हाल में पटियाला में हुई हिंसा के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने जिस तरह सिर उठाया वह कोई शुभ संकेत नहीं। इन तत्वों की गतिविधियां पंजाब के पड़ोसी राज्यों में भी नजर आई हैं। बीते दिनों जहां करनाल में खालिस्तानी गुर्गे पकड़े गए थे वहीं हिमाचल प्रदेश में भी वे शरारत करते दिखे।
एक तथ्य यह भी है कि पाकिस्तान कश्मीर के साथ पंजाब में भी गड़बड़ी फैलाने की लगातार कोशिश कर रहा है। वह इन दिनों सीमांत इलाकों में ड्रोन के जरिये हथियार और मादक पदार्थ भेजने की कोशिश कर रहा है। अब जब पंजाब पुलिस मोहाली की घटना के पीछे किसी आतंकी गुट का हाथ होने की आशंका से इन्कार नहीं कर रही, तब फिर यह जरूरी हो जाता है कि इस मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआइए भी शामिल हो। इस मामले की त्वरित जांच जितनी आवश्यक है उतना ही यह भी कि पंजाब की आंतरिक सुरक्षा पर और अधिक ध्यान दिया जाए।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह अनिवार्य है कि पंजाब में उन तत्वों का दुस्साहस किसी भी स्तर पर न बढ़ने पाए, जो किसी न किसी तरह देश में माहौल खराब करना चाहते हैं। इसके लिए न केवल केंद्रीय एजेंसियों को पूरी सजगता और सतर्कता बरतनी होगी, बल्कि पंजाब सरकार और उसकी पुलिस को भी अपने स्तर पर हर समय सचेत रहना होगा।
यह आवश्यक है कि मोहाली में हुई घटना की जांच तेजी से हो और यह अंजाम तक भी पहुंचे। इसके पीछे जिन तत्वों का हाथ है उन्हें जल्दी से जल्दी कानून के कठघरे में लाना होगा। कानून एवं व्यवस्था को चुनौती देने वाले तत्वों पर कारगर तरीके से लगाम लगाने के लिए यह आवश्यक है कि केंद्र और राज्य की सभी एजेंसियां परस्पर सहयोग और समन्वय के साथ काम करें।
दैनिक जागरण के सौजन्य से सम्पादकीय
Tagsमोहाली

Gulabi Jagat
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